– धनुष 155 एमएम – 45 एमएम कैलिबर की तोप है। इसकी स्ट्राइक रेंज 38 किलोमीटर है।
– इसके 81 फीसदी पुर्जे भारत में ही बने हैं।
– सिक्किम व लेह के ठंडे, ओडिशा के गर्म व नमी और राजस्थान के गर्म मौसम में इसका सफल परीक्षण किया जा चुका है।
– इलेक्ट्रॉनिक गन लेयिंग और साइटिंग सिस्टम के चलते यह बोफोर्स तोप से 11 किलोमीटर अधिक दूर तक निशाना लगा सकती है।
– इससे रात में भी निशाना लगाया जा सकता है और एक मिनट में छह गोले दागे जा सकते हैं।
सेना को 1987 में स्वीडन से बोफोर्स मिली। तोप में खरीद का विवाद होने के बाद सेना ने कोई नई तोप नहीं खरीदी। हाल ही में के-9 थंडर वज्र के लिए कोरिया से करार हुआ है। पहली स्वदेशी तोप धनुष और दूसरी सारंग है। तीन सौ सारंग तोप का ऑर्डर पिछले दिनों ही आयुध निर्माण बोर्ड को मिल चुका है।
– 38 किमी दूरी तक मारक क्षमता
– 30 सैकेण्ड में तीन राउण्ड फायर
– 3 से 70 डिग्री तक घुमाव
– 13 टन है तोप का वजन
– 16 करोड़ तोप की कीमत
– 81 फीसदी कलपुर्जे स्वदेशी
– 1987 में बोफोर्स तोप सेना में शामिल
– 2011 में स्वदेशी तोप निर्माण का लक्ष्य बनाया
– 155 एमएम 45 केलीबर की धनुष तोप तैयार
– 2012 में ही धनुष का पहला प्रोटोटाइप बनाया
– 12 प्रोटोटाइप अब तक तैयार
– 6 तोप अब तक आर्मी में हुई शामिल
– 114 तोप का रक्षा मंत्रालय ने ऑर्डर दिया है।