कैंसर मरीजों की संख्या बड़ी संख्या में है। कीमोथैरेपी समेत अन्य कारणों से कैंसर मरीजों के बाल इलाज के दौरान अक्सर गिर जाते हैं। इससे मरीजों में निराशा आ जाती है। सिर के प्राकृतिक बाल देरी से वापस आते हैं। प्रत्येक रोगी बालों से बनी विग नहीं खरीद सकता। ऐसे मरीजों को संबल देने के लिए जोधपुर के युवा आगे आ रहे हैं। पीड़ित को विग बनाकर दे रहे हैं। साथ ही उनका हौसला भी बढ़ा रहे हैं। ग्रुप ने अपने नंबर साझा कर रखे हैं। विग के लिए कोई भी मरीज उनसे सम्पर्क कर सकता है।
यों हुई शुरुआत हेयर फोर होप इंडिया के सुमित माहेश्वरी का कहना है कि इसकी शुरुआत कुछ समय पहले हुई थी। वे अस्पताल में रक्तदान करने गए, तब कैंसर पीड़ित किसान परिवार के बच्चे की वेदना देखकर विचलित हो गया। तभी से ठान ली कि कैंसर पीड़ितों की खुशी के लिए काम करेंगे। शुरुआत बहन प्रिया राठी से हुई। उसने खुद के बाल डोनेट कर हमारा हौसला बढ़ाया। अब सुरेन्द्र बोराणा, डॉ. नीलगिरी तिवाड़ी, शरद व्यास, नरेंद्र सिंह राठौड़ समेत कई सदस्य मिलकर काम कर रहे हैं।
पिता डॉ अर्जुन राजपुरोहित के दिए संस्कार ही मुझे किसी बीमार के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए प्रेरित करते हैं। मुझे अपने बाल डोनेट करने से बहुत खुशी हुई।
पिता डॉ अर्जुन राजपुरोहित के दिए संस्कार ही मुझे किसी बीमार के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए प्रेरित करते हैं। मुझे अपने बाल डोनेट करने से बहुत खुशी हुई।
प्रतिष्ठा राजपुरोहित