पाकिस्तान की सरहद पर तैनात सीमा सुरक्षा बल की महिला जवान छलनी से चांद देख अपने सुहाग के दीर्घायु की कामना करते हुए।
अखंड सौभाग्य, सुख समृद्धि की कामना से जुड़ा करवा चौथ पर्व जोधपुर में रविवार को मनाया गया।
छलनी चन्द्रमा को अपलक निहारा और मिट्टी के कर्वा से चन्द्रमा को अघ्र्य देकर पति के हाथों जल आचमन कर व्रत का पारणा किया।
दिनभर निर्जल निराहार रही सुहागिनों के चेहरे चन्द्रोदय के बाद खिल उठे। विवाह के बाद पहली बार करवा चौथ पर्व मनाने वाली नवविवाहित महिलाओं में विशेष उत्साह रहा।
पंजाबी समाज की महिलाओं ने करवा चौथ पर्व भोर के समय सरगी की रस्म से शुरुआत की। सूर्योदय से पूर्व सास के हाथों में फल मिष्ठान का सेवन किया।
दिनभर निर्जल-निराहार रहने के बाद शाम को पारम्परिक परिधानों में शृंगार के बाद पूजन किया।
व्रती महिलाओं ने व्रत पूरा करने के बाद घर-परिवार के बुजुर्गों के चरण छू कर अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद लिया।
इससे पूर्व सूर्यास्त के बाद सुहागिनों ने माता पार्वती का पूजन कर रात को चन्द्रोदय होने तक बुजुर्ग महिलाओं से करवा चौथ से जुड़ी पौराणिक कथाओं का श्रवण किया। शाम को शहर के प्रमुख मंदिरों में भी व्रती महिलाएं दर्शनार्थ पहुंचने से चहल-पहल रही।