इस बार परीक्षा परिणाम काफी कठिन रहा। इंटरमीडिएट पुराने पाठ्यक्रम से 17 विद्यार्थियों ने दोनों ग्रुप की एक साथ परीक्षा दी, लेकिन कोई भी विद्यार्थी पास नहीं हो सका। पुराने पाठ्यक्रम से केवल प्रथम ग्रुप देने वाले सभी 10 विद्यार्थी अनुत्तीर्ण रहे। केवल द्वितीय ग्रुप देने वाले 59 विद्यार्थियों में से 13 पास हुए।
इंटरमीडिएट नया पाठ्यक्रम का परीक्षा परिणाम कुछ बेहतर रहा। इसमें एक साथ दोनों ग्रुप देने वाले 176 विद्यार्थियों में से 24 ने दोनों ग्रुप पास कर लिया। दोनों ग्रुप देने वाले विद्यार्थियों में से 43 ने प्रथम ग्रुप पास किया जबकि द्वितीय ग्रुप कोई पास नहीं कर सका। नए पाठ्यक्रम से 221 विद्यार्थियों ने केवल प्रथम ग्रुप की परीक्षा दी इसमें से 53 पास हुए। दूसरे ग्रुप में 206 बैठे जिसमें से 25 उत्तीर्ण हुए।
आईसीएआई जोधपुर चेप्टर के शाखा अध्यक्ष बलवीर सिंह गहलोत और सचिव सुरेंद्र लुणावत ने विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। पढ़ाई के साथ खेलना भी जरूरी
देशभर में 26 वी रैंक हासिल करने वाले केशव ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में बताया कि उन्होंने परीक्षा के अंतिम दिनों में अपने नोट्स से ही बेहतर पढ़ाई की थी। केशव का मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद सहित अन्य गतिविधियां भी जरूरी है ताकि विद्यार्थी तनाव रहित रह सके। केशव ने 800 में से 618 अंक हासिल किए। उसके पिता मनीष बिजनेसमैन और माता प्रीति गृहिणी है।
देशभर में 26 वी रैंक हासिल करने वाले केशव ने राजस्थान पत्रिका से बातचीत में बताया कि उन्होंने परीक्षा के अंतिम दिनों में अपने नोट्स से ही बेहतर पढ़ाई की थी। केशव का मानना है कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद सहित अन्य गतिविधियां भी जरूरी है ताकि विद्यार्थी तनाव रहित रह सके। केशव ने 800 में से 618 अंक हासिल किए। उसके पिता मनीष बिजनेसमैन और माता प्रीति गृहिणी है।