जोधपुर

युवक को यूडीआइडी कार्ड नहीं देने का मामला: अब कोर्ट ने मांगी एमडीएम अस्पताल से रिपोर्ट

 
 
 
इएनटी विभाग के ऑडियोलॉजी विंग में गड़बड़झाला

जोधपुरMar 03, 2021 / 10:10 pm

Abhishek Bissa

जोधपुर. संभाग के सबसे बड़े मथुरादास माथुर अस्पताल के इएनटी विभाग के ऑडियोलॉजी विंग की ओर एक जन्मजात गूंगे-बहरे युवक को कभी 8 तो कभी 14 फीसदी दिव्यांग होने का प्रमाण-पत्र दिया। जबकि एम्स व एसएमएस जयपुर जैसे बड़े संस्थान उसको 90 फीसदी दिव्यांग करार दे रहे है। इस मामले में पहले राज्य मानवाधिकार आयोग ने प्रसंज्ञान लिया। वहीं अब राजस्थान उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति ने भी प्रसंज्ञान ले लिया है।
हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति सचिव देव कुमार खत्री ने पत्रिका खबर का हवाला देते हुए कहा कि एमडीएमएच जिसे 8-14 फीसदी गूंगा-बहरा करार दे रहा है, जबकि दूसरे संस्थान में पाली एसीबी में कार्यरत एडिशनल एसपी नरपतचंद के पुत्र कैलाशचंद को 90 प्रतिशत दिव्यांग करार दिया जा रहा है। पिता नरपत पुत्र के लिए लंबे समय से पहचान पत्र प्राप्त करने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए कोर्ट के पीएलवी योगेश लोहिया ने कैलाश चंद की हर संभव मदद करने को कहा। न्यायाधिपति व समिति अध्यक्ष ने निर्देश दिया है कि एमडीएम अस्पताल द्वारा की गई कार्रवाई की तथ्यात्मक रिपोर्ट अविलंब पेश की जाए। ताकि समिति अध्यक्ष के समक्ष प्रस्तुत की जा सके।
इधर, जयपुर की टीम रही जोधपुर
इएनटी विभाग के ऑडियोलॉजी सेक्शन में हो रही गड़बडिय़ों को लेकर जयपुर से आई सरकार की टीम बुधवार को भी मेडिकल कॉलेज में रिकॉर्ड देखती रही। टीम को जयपुर में एमडीएम के इएनटी विभाग को लेकर कई तरह की शिकायतें मिली थी। इसमें प्रमुख शिकायत पिता नरपतचंद वाली है।

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