वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश विनीतकुमार माथुर की खंडपीठ में लिब्रा इंडिया की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान स्पाइस जेट एयरलाइन की तरफ से अधिवक्ता ने कहा कि हम जोधपुर से हवाई सेवाएं शुरू करना चाहते हैं, लेकिन संचालन का उचित समय नहीं दिया जा रहा। वर्तमान में एयरपोर्ट पर सुबह से सायं तक ही विमानों के संचालन की अनुमति दी जा रही है। कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस विषय पर पूर्व में कई बार चर्चा हो चुकी है। अल सुबह और रात में विमान संचालन के लिए जरूरी उपकरण आईएलएस भी स्थापित किया जा चुका है। जब कोर्ट के ध्यान में लाया गया कि एयरफोर्स को कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन केंद्र सरकार से सक्षम मंजूरी की जरूरत है। खंडपीठ ने कहा कि जब पिछले साल सितंबर मेें एयरफोर्स को केंद्र सरकार से सक्षम मंजूरी के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था, उस संबंध में क्या प्रगति हुई। इस पर एयरफोर्स के अधिवक्ता ने जवाब देने के लिए समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने 29 जुलाई से पहले केंद्र को इस प्रस्ताव को हरी झंडी देने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि जब पुणे, अमृतसर, गोवा सहित अन्य कई स्थानों पर एयरफोर्स बेस से ही अल सुबह और रात में विमान सेवाएं संचालित की जा रही है तो जोधपुर के साथ अलग व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
वरिष्ठ न्यायाधीश लोढ़ा ने कहा, वर्ष 2016 से इस जनहित याचिका पर एयरपोर्ट विस्तार के संबंध में दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं, यह सारी कवायद इसीलिए हो रही है कि जोधपुर की एयर कनेक्टिविटी को बेहतर किया जा सके। न्यायाधीश माथुर ने कहा कि एयर कनेक्टिविटी के अभाव में ही जोधपुर में विश्व स्तरीय संस्थान होने के बावजूद फेकल्टी नहीं आ रही। स्पाइस जेट के अधिवक्ता को उचित प्रस्ताव पेश करने और जरूरत होने में कोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश करने को कहा गया।
सितंबर में शुरू होंगी नई विमान सेवाएं एयरपोर्ट के निदेशक ने बताया कि सितंबर में इंडिगो एयरलाइन जोधपुर से दिल्ली एवं अहमदाबाद के लिए हवाई सेवाएं शुरू करेगी। कंपनी ने आवश्यक औपचारिकताएं करते हुए राशि जमा करवा दी है। एप्रेन और टैक्सी वे का 80 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। बीच में बालाकोट हमले के समय तीन महीने तक एयरफोर्स ने कार्य करने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन अब ऐसी कोई रोक नहीं है। न्यायाधीश माथुर ने सुझाव दिया कि जोधपुर एयरपोर्ट को एयरलाइन कंपनियों के विमान की रात में अपेक्षाकृत कम दरों पर पार्किंग करने का प्रस्ताव देकर रात में हवाई सेवाओं के विकल्प पर कार्य किया जाना चाहिए।
अवाप्ति में देरी पर नाराजगी जताई कोर्ट ने 25 अप्रैल को राज्य सरकार को 2.08 एकड़ निजी भूमि की अवाप्ति शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए थे, लेकिन सरकार ढ़ाई महीने तक हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। इस संबंध में अवाप्ति कानून की धारा 19 के तहत 12 जुुलाई को अधिसूचना जारी की गई। कोर्ट ने कहा कि सरकार की उदासीनता गंभीर चिंता का विषय है। कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता सुनील बेनीवाल को अवाप्ति की कार्यवाही व मुआवजा निर्धारित दो सप्ताह में करने को कहा है। दरअसल, निजी भूमि मिलने पर ही एयरफोर्स, नगर निगम से हस्तांतरित 37 एकड़ भूमि पर अपने संस्थापन स्थापित कर पाएगी। तभी एयरपोर्ट को भी विस्तार के लिए पूरी जमीन मिल सकेगी।
एयरफोर्स ने कब-क्या कहा 23 मार्च, 2017 – आइएलएस स्थापित, 14 मार्च से एयरलाइन कंपनियों के उपयोग के लिए उपलब्ध, अब अंधेरे में और अल सुबह विमान की लैंडिंग में कोई बाधा नहीं।
5 दिसंबर,2017 – कोर्ट के ध्यान में लाया गया कि अंधेरे, खराब मौसम और अल सुबह विमानों को लैंडिंग की अनुमति नहीं दी जा रही।
20 दिसंबर, 2017 – एयरफोर्स ने पूर्ववर्ती रुख दोहराते हुए कहा कि अंधेरे में और अल सुबह विमान की लैंडिंग में कोई बाधा नहीं।
5 नवंबर, 2018 – कोर्ट में एयरफोर्स के विंग कमांडर सार्दुलसिंह ने कहा कि फोर्स को कोई आपत्ति नहीं है। यदि कोई एयरलाइन अल सुबह या रात को विमान संचालित करना चाहे तो एयरफोर्स पूरा सहयोग करेगी, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार से आवश्यक स्वीकृति जरूरी है। कोर्ट ने स्वीकृति लेने को कहा।
17 जुलाई, 2018 – एयरफोर्स की ओर से स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया। केंद्र से स्वीकृति मिली या नहीं, यह बताने के लिए समय मांगा।