प्रत्येक खानधारक को प्रतिवर्ष खान किराए के अलावा भूमि कर देना होगा। इससे खानधारकों पर अनावश्यक आर्थिक बोझ बढ़ेगा। वर्तमान में खानधारकों से खान किराया, पर्यावरण फीस, एनवायरमेंट मैनेजमेंट प्लान (इएमपी), सिम्प्लीफाइड माइनिंग स्कीम (एसएमएस) आदि के रूप शुल्क वसूला जा रहा है।
– खनिज भूमि—- लैण्ड टैक्स की दर (दोनों में से जो कम होगा, देय होगा )
– लेड जिंक वाली भूमि– 15 रुपए प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 10 प्रतिशत
– कॉपर वाली भूमि– 15 रुपए प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 10 प्रतिशत
– रॉक फॉस्फेट वाली भूमि– 210 रुपए प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 10 प्रतिशत
– सीमेंट, एसएमएस ग्रेड लाइमस्टोन वाली भूमि– 6 रुपए प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 10 प्रतिशत
– जिप्सम वाली भूमि– 3 रुपए प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 10 प्रतिशत
– सैण्ड स्टोन वाली भूमि– 0.06 पैसा प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 10 प्रतिशत
– 10 हेक्टेयर या उससे ज्यादा और 50 हेक्टेयर से कम भूमि वाले खानधारक से 55 पैसा प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 5 प्रतिशत, दोनों में से जो कम होगा, वसूला जाएगा।
– 50 हेक्टेयर या उससे ज्यादा व 100 हेक्टेयर से कम भूमि वाले खानधारक से 70 पैसा प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 5 प्रतिशत, दोनों में से जो कम होगा, वसूला जाएगा।
– 100 हेक्टेयर या उससे ज्यादा व 500 हेक्टेयर से कम भूमि वाले खानधारक से 1 रुपया प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 5 प्रतिशत, दोनों में से जो कम होगा, वसूला जाएगा।
– 500 हेक्टेयर या उससे ज्यादा भूमि वाले खानधारक से 90 पैसा प्रति वर्ग मीटर या बाजार दर का 5 प्रतिशत, दोनों में से जो कम होगा, वसूला जाएगा।
(लेड जिंक, कॉपर, रॉक फास्फेट, सीमेंट एसएमएस ग्रेड लाइमस्टोन, जिप्सम, सैण्ड स्टोन के अलावा )
राज्य सरकार की ओर से खानधारकों से भूमि कर वसूला जाएगा। अलग-अलग मिनरल्स वाली माइन्स में टैक्स की अलग दरें तय की गई है।
-श्रीकृष्ण शर्मा, माइनिंग इंजीनियर, जोधपुर