मेट्रो मोबाइल मजिस्ट्रेट अजय बिश्नोई ने यातायात पुलिस के साथ सोमवार दोपहर होईकोर्ट रोड पर सूचना केंद्र के पास सिटी बसों की जांच की। इस दौरान कई सिटी बसों में क्षमता से अधिक सवारी मिले तो कई सिटी बसों में स्पीड गवर्नर काम नहीं कर रहे थे। कुछ सिटी बस चालकों ने स्पीड गवर्नेंस में छेडख़ानी कर रखी थी। इस पर 15 सिटी बसों को सीज और 20 सिटी बसों के चालान काटे गए। उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग को भी निमयों की अनेदखी करने वाले सिटी बस मालिकों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।
350 से अधिक सिटी बसों का संचालन
शहर में करीब 350 से अधिक सिटी बसों का संचालन हो रहा है। इनमें पुरानी बसों में स्पीड गवर्नर मैनुअल होने के कारण सिटी बस संचालक स्पीड गवर्नर हटाकर स्पीड के लिए तार व अन्य साधनों का उपयोग करते हैं। नईबसों में स्पीड गवर्नर ऑटोमेटिक होता है।
शहर में करीब 350 से अधिक सिटी बसों का संचालन हो रहा है। इनमें पुरानी बसों में स्पीड गवर्नर मैनुअल होने के कारण सिटी बस संचालक स्पीड गवर्नर हटाकर स्पीड के लिए तार व अन्य साधनों का उपयोग करते हैं। नईबसों में स्पीड गवर्नर ऑटोमेटिक होता है।
— ‘विभाग की ओर से समय-समय पर सिटी बसों का निरीक्षण किया जाता है। स्पीड गवर्नर नहीं पाए जाने पर सिटी बस सीज करने और दो हजार रुपए तक पेनल्टी लगाई जाती है।
रामनारायण बडगुर्जर, क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी
जोधपुर
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