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स्वच्छ सर्वेक्षण रिजल्ट में जोधपुर रहा सूची में नीचे, शरह की रैंक नहीं सुधरने की यह वजह आई सामने

locationजोधपुरPublished: Jun 25, 2018 03:56:02 pm

नगर निगम अब पुनर्मूल्यांकन के लिए पत्र भेजेगा

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स्वच्छ सर्वेक्षण रिजल्ट में जोधपुर रहा सूची में नीचे, शरह की रैंक नहीं सुधरने की यह वजह आई सामने

जोधपुर. गंदगी से नालियां जाम, गलियों से लेकर मुख्य चौराहों पर कचरे का अंबार और बदहाल सड़कें। शहर के लोग ऐसी ही समस्याओं से त्रस्त हैं। इन्हीं कारणों के चलते शनिवार को जारी स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के नतीजों में जोधपुर को देश के 485 शहरों में 188वीं रैंक पर आ पड़ा। स्वच्छ सर्वेक्षण रिजल्ट के बाद दूसरे दिन रविवार को राजस्थान पत्रिका ने शहर में सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। पत्रिका ने उन स्थानों का जायजा लिया, जहां अक्सर गंदगी के ढेर लगे रहते हैं। हालत यह है कि नगर निगम खुद के कार्यालय भवन को भी साफ रख नहीं पाता। निगम कार्यालय की दीवारें पीक से रंगी हैं। दूसरी ओर नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि इसमें उन्हें कम नंबर मिले हैं। निगम प्रशासन सर्विस लेवल के कार्यों का पुनर्मूल्यांकन करवाने के लिए पत्र भेजेगा।
निगम की दीवारों पर गंदगी
नगर निगम का कार्यालय भवन बाहर से देखने में भले ही आलीशान है, लेकिन अंदर ऐसी गंदगी है कि दीवारों को हाथ तक नहीं लगा सकते। हर कोने में पान-गुटखे की पीक नजर आती है। इस भवन को गंदा करने में निगम कर्मचारी व आमजन दोनों ही शामिल हैं। ये नजारे शहर व निगम दोनों की छवि को खराब करते हैं।
जगह-जगह कचरे के ढेर

शहर में कई ऐसी जगह है जहां आपको हमेशा गंदगी का अंबार दिख जाएगा। पत्रिका ने सरदारपुरा गांधी मैदान वाली गली का जायजा लिया तो वहां भी गंदगी के ढेर लगे नजर आए। चांदपोल बारी बारणां भील बस्ती के आसपास भी गंदगी के ढेर मिले। एमजीएच रोड पर डस्टबिन तो थे, लेकिन इनके बाहर तक कचरा फेला हुआ था। क्षेत्रवासी गंदगी के बारे में वार्ड प्रभारी, मुख्य सफाई निरीक्षक व पार्षद को शिकायत करते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती। इन्हीं हालातों के चलते नगर निगम सिटीजन फीडबैक में फीसड्डी साबित हुआ। अगर वार्ड पार्षद भी क्षेत्र की बराबर मॉनिटरिंग करें तो ऐसे हालात नहीं बनेंगे।
पुनर्मूल्यांकन के लिए पत्र भेजेंगे

सर्विस लेवल के यूएलबी स्कोर पर हमें संदेह है। हम इसका पुनर्मूल्यांकन करवाएंगे। इसमें हमारे 241 स्कोर आए हैं। जबकि हमें करीब 5 सौ स्कोर की उम्मीद थी। मीट वेस्ट कलेक्शन, ऑनलाइन ट्रेनिंग, वेस्ट मैनेजमेंट, कचरे बीनने वालों को आइ कार्ड देने व स्वच्छ भारत मिशन सहित कई कार्य अच्छे किए हैं। इसके लिए आयुक्त के जरिए पत्र भेजा जाएगा।
– संपत मेघवाल, नोडल अधिकारी, न
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