निगम की दीवारों पर गंदगी
नगर निगम का कार्यालय भवन बाहर से देखने में भले ही आलीशान है, लेकिन अंदर ऐसी गंदगी है कि दीवारों को हाथ तक नहीं लगा सकते। हर कोने में पान-गुटखे की पीक नजर आती है। इस भवन को गंदा करने में निगम कर्मचारी व आमजन दोनों ही शामिल हैं। ये नजारे शहर व निगम दोनों की छवि को खराब करते हैं।
जगह-जगह कचरे के ढेर शहर में कई ऐसी जगह है जहां आपको हमेशा गंदगी का अंबार दिख जाएगा। पत्रिका ने सरदारपुरा गांधी मैदान वाली गली का जायजा लिया तो वहां भी गंदगी के ढेर लगे नजर आए। चांदपोल बारी बारणां भील बस्ती के आसपास भी गंदगी के ढेर मिले। एमजीएच रोड पर डस्टबिन तो थे, लेकिन इनके बाहर तक कचरा फेला हुआ था। क्षेत्रवासी गंदगी के बारे में वार्ड प्रभारी, मुख्य सफाई निरीक्षक व पार्षद को शिकायत करते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती। इन्हीं हालातों के चलते नगर निगम सिटीजन फीडबैक में फीसड्डी साबित हुआ। अगर वार्ड पार्षद भी क्षेत्र की बराबर मॉनिटरिंग करें तो ऐसे हालात नहीं बनेंगे।
पुनर्मूल्यांकन के लिए पत्र भेजेंगे सर्विस लेवल के यूएलबी स्कोर पर हमें संदेह है। हम इसका पुनर्मूल्यांकन करवाएंगे। इसमें हमारे 241 स्कोर आए हैं। जबकि हमें करीब 5 सौ स्कोर की उम्मीद थी। मीट वेस्ट कलेक्शन, ऑनलाइन ट्रेनिंग, वेस्ट मैनेजमेंट, कचरे बीनने वालों को आइ कार्ड देने व स्वच्छ भारत मिशन सहित कई कार्य अच्छे किए हैं। इसके लिए आयुक्त के जरिए पत्र भेजा जाएगा।
– संपत मेघवाल, नोडल अधिकारी, न