घोषणाओं की स्थिति
- 256 घोषणाएं हुई है अब तक चार बजट में।
- 96 को पूरा कर लिया गया है।
- 77 का कार्य प्रगतिरत है।
- 54 के कार्य हालही में शुरू किए गए हैं।
- 29 का काम अभी शुरू होना बाकी है।
- 256 घोषणाएं हुई है अब तक चार बजट में।
- 96 को पूरा कर लिया गया है।
- 77 का कार्य प्रगतिरत है।
- 54 के कार्य हालही में शुरू किए गए हैं।
- 29 का काम अभी शुरू होना बाकी है।
चार सेक्टर जो सबसे ज्यादा लाभांवित होंगे
1. मेडिकल - भूजल विभाग की जमीन पर कैंसर इंस्टीट्यूट के साथ एमडीएम अस्पताल व उम्मेद अस्पताल में सुविधाओं का विकास। इससे मेडिकल सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड होगा।
2. खेल : फिजिकल कॉलेज कैम्पस में स्टेट स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट साथ ही बरकतुल्लाह खां स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय मानक पर तैयार करना। इसके साथ ही गोशाला मैदान व अन्य स्कूलों में खेल विकास की घोषणाएं।
3. पेयजल : राजीव गांधी लिफ्ट केनाल की घोषणा भी कई मायनों में अहम है। इससे पूरे पश्चिमी राजस्थान की पेयजल समस्या का समाधान होगा। यह 15 सौ करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट है।
1. मेडिकल - भूजल विभाग की जमीन पर कैंसर इंस्टीट्यूट के साथ एमडीएम अस्पताल व उम्मेद अस्पताल में सुविधाओं का विकास। इससे मेडिकल सेक्टर में इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड होगा।
2. खेल : फिजिकल कॉलेज कैम्पस में स्टेट स्पोर्ट्स इंस्टीट्यूट साथ ही बरकतुल्लाह खां स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय मानक पर तैयार करना। इसके साथ ही गोशाला मैदान व अन्य स्कूलों में खेल विकास की घोषणाएं।
3. पेयजल : राजीव गांधी लिफ्ट केनाल की घोषणा भी कई मायनों में अहम है। इससे पूरे पश्चिमी राजस्थान की पेयजल समस्या का समाधान होगा। यह 15 सौ करोड़ से अधिक का प्रोजेक्ट है।
4. टूरिज्म व इन्फ्रा : टूरिज्म सेक्टर को बूस्ट करने के लिए भी मेहरानगढ़ तक वैकल्पिक, सुरपुरा बांध विकास के साथ पॉलिटेक्निक काॅलेज परिसर में ऑडिटोरियम निर्माण भी इसी का हिस्सा है।
जयपुर के बाद सबसे ज्यादा
विकास के जो ये प्रोजेक्ट स्वीकृत किए हैं यह जयपुर के बाद सबसे ज्यादा है। जयपुर में भी प्रदेश स्तरीय घोषाणाएं शामिल करते हैं तो आंकड़ा बढ़ता है। इसके अलावा प्रदेश का अन्य कोई दूसरा जिला नहीं है, जहां घोषणाणों का आंकड़ा 250 पार किया हो।
बजट की लगातार समीक्षा
हर 15 दिन में बजट कार्यों की समीक्षा जिला स्तर पर होती है और इसके बाद सीएमओ से फीडबैक लिया जा रहा है। समय-समय पर मुख्यमंत्री खुद भी व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करते रहते हैं। विभागों को प्रति सप्ताह अपने विभाग से जुड़ी घोषणाओं की रिपोर्ट देनी होती है। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि प्रयास है कि जल्द से जल्द घोषणाओं को अंतिम रूप दिया जाए।
जयपुर के बाद सबसे ज्यादा
विकास के जो ये प्रोजेक्ट स्वीकृत किए हैं यह जयपुर के बाद सबसे ज्यादा है। जयपुर में भी प्रदेश स्तरीय घोषाणाएं शामिल करते हैं तो आंकड़ा बढ़ता है। इसके अलावा प्रदेश का अन्य कोई दूसरा जिला नहीं है, जहां घोषणाणों का आंकड़ा 250 पार किया हो।
बजट की लगातार समीक्षा
हर 15 दिन में बजट कार्यों की समीक्षा जिला स्तर पर होती है और इसके बाद सीएमओ से फीडबैक लिया जा रहा है। समय-समय पर मुख्यमंत्री खुद भी व्यक्तिगत रूप से समीक्षा करते रहते हैं। विभागों को प्रति सप्ताह अपने विभाग से जुड़ी घोषणाओं की रिपोर्ट देनी होती है। जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता ने बताया कि प्रयास है कि जल्द से जल्द घोषणाओं को अंतिम रूप दिया जाए।