मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि प्रदेश में अग्रेंजी माध्यम के सरकारी स्कूल खोलने के बाद सरकार कोचिंग सेंटर भी खोलेगी। शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्र में प्राइवेट संस्थानों के मुनाफे के बिजनस के कारण आम लोगों को सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं। कोटा, सीकर, जोधपुर में कई कोचिंग सेंटर खुले हुए हैं। सरकारी कोचिंग सेंटर में हर वर्ग के छात्र पढ़ सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे एम्स को मंडोर लाना चाहते थे। इससे एम्स, आइआइटी, एनएलयू, पुलिस यूनिवर्सिटी सहित सभी संस्थान एक ही क्षेत्र में होते। लेकिन सरकार बदलते ही एम्स को बासनी ले गए। वहां इंडस्ट्री के प्रदूषण के साथ जगह भी कम पड़ रही है। जबकि मंडोर में एम्स के लिए जमीन देख ली गई थी। भाजपा सरकार बदले की नियत से चैनपुरा कॉलेज को मंडोर से चोपासनी हाउसिंग बोर्ड ले गई। एेसा पहली बार हुआ जब एक कॉलेज का एक विधानसभा क्षेत्र से दूसरे विधानसभा क्षेत्र में स्थानांतरण किया गया।
गहलोत ने बताया कि नगर परिषद के समय उनके पिता इस वार्ड से पार्षद रहे थे। उस दौरान वह कई बार पिता के साथ यहां आते थे। इसके बाद यह वार्ड उनके विधानसभा क्षेत्र में है। यहां पहुंच कर उन्हें सुकून मिलता है।
गहलोत ने रविवार को नागौरी गेट स्थित करणी माता मंदिर के मुख्य द्वार की नामपट्टिका का अनावरण कर मंदिर में दर्शन किए। यहां मौजूद स्थानीय नागरिकों और गणमान्य लोगों से मुलाकात भी की। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्यमंत्री भंवर सिंह भाटी, विधायक मनीषा पंवार, महेन्द्र विश्नोई, हीराराम मेघवाल, राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल उपस्थित थे।