इस घटना के बाद केन्द्रीय राज्यमंत्री कैलाश चौधरी भी आज सुबह जसोल पहुंचे। जहां उन्होंने अस्पताल पहुंच कर घायलों की कुशलक्षेम पूछी। गौरतलब है कि बाड़मेर के जसोल में रविवार को रामकथा के दौरान तेज आंधी और बारिश के बाद पांडाल गिर गया था और भगदड़ और करंट की चपेट में आने से कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। घटना के बाद जिला प्रशासन ने घायलों को बालोतरा और जोधपुर के अस्पतालों में भर्ती कराया था।
जसोल में पांडाल गिरने की घटना के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार सुबह जसोल पहुंचे। वे हेलीपेड से सीधे हताहतों के घर पहुंचे। यहां उन्होंने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। इस दौरान मुख्यमंत्री को देख परिजनों की रुलाई फूट पड़ी। मुख्यमंत्री ने भी दुख की इस घड़ी में सरकार की ओर से संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पूरा प्रदेश इस दुख के समय इन परिवारों के साथ है।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने घटना की जानकारी भी ली। बाड़मेर के प्रभारी मंत्री डॉ बीडी कल्ला, चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा, विधायक मदन प्रजापत, राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, सभापति नगरपरिषद बालोतरा रतन खत्री सहित कांग्रेस के आला जनप्रतिनिधि भी उनके साथ थे।
हादसे के 38 घायलों का उपचार बालोतरा अस्पताल में चल रहा है। जबकि 7 लोग जोधपुर के अस्पतालों में भर्ती बताये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाड़मेर जिले के जसोल कस्बे में पाण्डाल गिरने से हुए हादसे के लिए जोधपुर संभागीय आयुक्त बीएल कोठारी को जांच के निर्देश दिए हैं। गहलोत ने इस हादसे की जानकारी मिलते ही प्रशासन, पुलिस, आपदा प्रबन्धन एवं चिकित्सा अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्यों एवं उपचार के लिए उचित निर्देश दिए। उन्होंने हादसे के मृतकों के आश्रितों को 5.5 लाख रुपए की सहायता राशि देने के निर्देश प्रदान किए हैं। हादसे में घायलों को भी अधिकतम 2 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने रविवार शाम मुख्यमंत्री कार्यालय में उच्चाधिकारियों के साथ हुई आपात बैठक में जसोल में हुए हादसे के बाद राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की थी। उन्होंने पीडि़तों को जल्द से जल्द राहत देने और नि:शुल्क उपचार के लिए जोधपुर संभागीय मुख्यालय से अतिरिक्त चिकित्सा टीमों, नर्सिंग स्टाफ, दवाइयोंं की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा पुलिस, प्रशासनिक सहायता एवं आपदा प्रबन्धन व्यवस्था कराने के निर्देश दिए थे।