SEE MORE: सीएम गहलोत ने नीति आयोग के समक्ष रखा पश्चिमी राजस्थान का जल संकट नीति आयोग की बैठक में मुख्यमत्री गहलोत ने वर्षा जल संरक्षण, पेयजल, कृषि, सूखा प्रबंधन एवं चिकित्सा सहित विकास से संबंधित कई प्रमुख मुद्दों पर प्रदेश का मजबूती से पक्ष रखा। उन्होंने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक जनसभा के दौरान राज्य के 13 जिलों में पेयजल तथा 2 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा के लिए पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार शीघ्र स्वीकृति दिलाने का वादा किया था, जिसे पूरा कराया जाए।
SEE MORE: ICC Cricket World Cup 2019- वर्ल्ड कप थीम साड़ी का महिलाओं में क्रेज, देखें वीडियो उन्होंने कहा कि एकीकृत जल संग्रहण परियोजना के तहत केन्द्र एवं राज्य की 90 अनुपात 10 की हिस्सेदारी में बदलाव कर केन्द्र सरकार ने 205 प्रोजेक्टों को पूरा करने का पूरा भार राज्य सरकार पर डाल दिया है। साथ ही, जल संग्रहण की प्रदेश की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए केन्द्र सरकार का अंशदान पहले की तरह ही दिलाने की मांग भी उठाई। उन्होंने कहा कि केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं में विभिन्न कारणों से केन्द्रीय मंत्रालयों से राशि समय पर नहीं मिल रही है, ऐसे में संघीय ढांचे को दुरुस्त करने के लिए पहले की तरह ही केन्द्रीय अंशदान मंजूर कराया जाए। वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए उन्होंने यह भी आग्रह किया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 के पहले 9 महीनों के लिए सकल उधार सीमा के आधार पर खुले बाजार से ऋण लेने की सहमति दी जाए।
SEE MORE: प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष सीएम गहलोत ने रखी पश्चिमी राजस्थान की यह मांगें, पढि़ये राजस्थान की तर्ज पर छूट दे केंद्र सरकारमुख्यमंत्री ने लघु और सूक्ष्म उद्यम लगाने के लिए नियमों में दी गई शिथिलता की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने रोजगार की राह आसान करने के लिए अपने कानून व नियमों में छूट दी है, लेकिन केन्द्र के कई कानून व नियम अब भी बाधा बने हुए हैं। केन्द्र सरकार भी शिथिलता दे।