नर्सेज दिवस पर इस साल जोधपुर जिले से एक भी नर्सिंगकर्मी सम्मानित नहीं होगा। क्योंकि न तो मेडिकल कॉलेज या उनके संबद्ध अस्पताल के अधीक्षकों ने नर्सिंगकर्मियों के नामों पर सहमति जताई और न ही सीएमएचओ ने इसके लिए जिला स्तर पर कमेटी का गठन किया। जबकि एेसा करने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं की ओर से एक बार तारीख भी बढ़ाई गई। जोधपुर जिले से पिछले साल किसी भी नर्सिंगकर्मी के नाम पर सहमति नहीं बन पाई थी। इस बार भी एेसा ही हुआ।
दरअसल, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) राकेश शर्मा ने 12 अप्रेल को आदेश जारी कर सीएमएचओ से जिला स्तर पर टीम का गठन कर नर्सिंगकर्मियों के सम्मान होने की सूची मांगी थी। लेकिन इस बार सीएमएचओ ने सम्मानित होने के लिए एक भी नर्सिंगकर्मी के नाम पर सहमति नहीं जताई।
उधर, जोधपुर सहित अन्य जिलों से प्रस्ताव नहीं मिलने पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा ने तारीख में फेरबदल कर आवेदन तिथि बढ़ाकर 8 मई कर दिया था। आवेदन की तारीख बढऩे के बाद भी जोधपुर जिले से एक भी नाम पर सहमति नहीं बन पाई।
अब नहीं होगा प्रस्तावों पर विचार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं की ओर से जारी आदेश के बाद भी कई जिलों से सम्मानित होने वाले नर्सेज का प्रस्ताव नहीं भेजा। इसमें जोधपुर भी शामिल है। प्रस्ताव नहीं मिलने पर विभाग की ओर से तिथि में फेरबदल कर चार दिन आगे खिसकाया गया। ताकि जिन जिलों से प्र्रस्ताव नहीं मिले हैं, उन पर कमेटी निर्णय कर नाम विभाग को भिजवा दें। लेकिन मंगलवार को यह तारीख भी निकल गई। जिन जिलों से नाम नहीं गए हैं, अब उनके नामों पर कोई विचार नहीं किया जाएगा।
इस बार नहीं भेजे नाम इस बार हमने ना कमेटी का गठन किया और न ही नर्सिंगकर्मियों के नाम भेजे। क्योंकि इस बार एेसा कोई सक्षम चेहरा नजर नहीं आया। डॉ. एसएस चौधरी, सीएमएचओ