भण्डार की ओर से रेलवे स्टेशन के पास स्थित
राजीव गांधी सहकारी भवन के अलावा शहर के अन्य चार स्थानों पर हर साल पटाखा मेला आयोजित किया जाता रहा है। यहां सवा करोड़ रुपए के करीब १५ ट्रक पटाखों की बिक्री होती है। इस साल जिला प्रशासन व नगर निगम के नए नियमों के मुताबिक भण्डार ने सरदारपुरा स्थित गांधी मैदान और रावण का चबूतरा में पटाखों के लिए दो-दो स्टॉलें बुक करवा ली, लेकिन अब किसी के द्वारा टैण्डर नहीं लेने पर स्टॉलें खाली रहने की संभावना है।
हर साल मैनुअल, इस बार ऑनलाइन
सहकारी भण्डार वर्ष २००३ से शहर में पटाखा मेला आयोजित करता रहा है। इसके लिए भण्डार हर साल मैनुअल टैण्डर प्रक्रिया करता है। पिछले सात साल से पटाखा मेले का टैण्डर कन्हैयालाल राठी को मिलता आ रहा था, लेकिन इस बार पहली दफा टैण्डर प्रक्रिया ऑनलाइन करते ही पोल खुल गई। अंतिम तारीख कब की निकल गई, लेकिन एक भी पटाखा व्यवसायी ने टैण्डर में रुचि नहीं दिखाई। भण्डार अपनी छत से ब्राण्डेड पटाखे एमआरपी मूल्य से ८० फीसदी डिस्काउंट पर बेचता था।
पिछले साल पटाखों में घपला पिछले साल २५ अक्टूबर को सहकारी भण्डार में पटाखा मेला लगा था, लेकिन जनता को पटाखा बेचान की रसीद उपलब्ध नहीं करवाने, एक्सपायरी डेट के पटाखे बेचने और खुद के लेबल लगे पटाखे बेचने के आरोप में सरदारपुरा पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज करवाई गई। पुलिस द्वारा कार्रवाई करने के बाद पटाखा मेला २७ अक्टूबर को उठा लिया गया, लेकिन पुलिस की सुस्ती की वजह से अब तक इसकी जांच अधरझूल में लटकी हुई है।
कर रहे हैं कोशिश हमने इस साल ई-टैण्डर किया था, लेकिन किसी ने भी टैण्डर प्रक्रिया में भाग नहीं लिया। अब हमने सरकार से कंसाइनमेंट आधार पर पटाखे बेचने की अनुमति मांगी है।
रामसुख चौधरी, महाप्रबंधक, जोधपुर उपभोक्ता होलसेल सहकारी भण्डार