सूर्यग्रहण और शनिश्चरी अमावस्या का संयोग होने से शनि व हनुमान मंदिरों में अनुष्ठान और दान पुण्य किए जाएंगे। ज्योतिषियों के मुताबिक सूर्योदय जिस तिथि में होता है, उस दिन पवित्र स्नान-दान और पितृ कर्म किए जाने चाहिए। शनिवार को सूर्योदय के वक्त अमावस्या तिथि रहेगी और दोपहर 1.15 पर मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा शुरू होगी। इसीलिए शनिवार को ही अमावस्या पर्व मनाया जाएगा। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शनिश्चरी अमावस्या को विशेष दिवस माना गया है।
सूर्य ग्रहण का समय सूर्य ग्रहण की तारीख-4 दिसंबर
सूर्य ग्रहण का आरंभ-सुबह 11 बजे सूर्य ग्रहण समाप्त -दोपहर 3.07 मिनट पर शनि अमावस्या तिथि और समय
अमावस्या आरंभ 3 दिसंबर दोपहर 4.55 से
सूर्य ग्रहण का आरंभ-सुबह 11 बजे सूर्य ग्रहण समाप्त -दोपहर 3.07 मिनट पर शनि अमावस्या तिथि और समय
अमावस्या आरंभ 3 दिसंबर दोपहर 4.55 से
अमावस्या समाप्त 4 दिसंबर दोपहर 1.12 मिनट तक शनि अमावस्या पर होंगे तेलाभिषेक
शनिश्चरी अमावस्या को जोधपुर के सभी प्रमुख शनिदेव मंदिरों में विशेष पूजन और तेलाभिषेक किए जाएंगे। शास्त्री नगर ए सेक्टर स्थित शनिधाम में शनिवार सुबह 9 बजे शनि देव प्रतिमा का तेल अभिषेक किया जाएगा। शनिधाम के महंत पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि मंदिर में आकर्षक रोशनी व फूल मंडली सजाई जाएगशास्त्री नगर ए सेक्टर स्थित शनिधाम में शनिवार सुबह 9 बजे शनि देव प्रतिमा का तेल अभिषेक किया जाएगा। शनिधाम के महंत पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि मंदिर में आकर्षक रोशनी व फूल मंडली सजाई जाएग
शनिश्चरी अमावस्या को जोधपुर के सभी प्रमुख शनिदेव मंदिरों में विशेष पूजन और तेलाभिषेक किए जाएंगे। शास्त्री नगर ए सेक्टर स्थित शनिधाम में शनिवार सुबह 9 बजे शनि देव प्रतिमा का तेल अभिषेक किया जाएगा। शनिधाम के महंत पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि मंदिर में आकर्षक रोशनी व फूल मंडली सजाई जाएगशास्त्री नगर ए सेक्टर स्थित शनिधाम में शनिवार सुबह 9 बजे शनि देव प्रतिमा का तेल अभिषेक किया जाएगा। शनिधाम के महंत पंडित हेमंत बोहरा ने बताया कि मंदिर में आकर्षक रोशनी व फूल मंडली सजाई जाएग