हाईकोर्ट में कलक्टर डॉ. सुरपुर ने उम्मेद अस्पताल मामले की जांच रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों डॉक्टरों ने ऑपरेशन थिएटर में झगड़ा कर मेडिकल एथिक्स को बदनाम किया है। झगड़े के दौरान ऑपरेशन टेबल पर लेटी मरीज नसीम बानो स्वस्थ है। उसके समानांतर चले अनिता पत्नी संदीप के शिशु की मौत का कारण मरीज का अस्पताल देरी से आना था। अनिता का शिशु के धड़कन वैसे ही कमजोर थी। डॉक्टरों की झड़प से उसका कोई लेना-देना नहीं था। रिपोर्ट में अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में मोबाइल ले जाने पर सवाल खड़े किए गए। मोबाइल से संक्रमण का भी खतरा जताया गया। जांच कमेटी के सदस्य न्यायमित्र एमएस सिंघवी ने अस्पताल में व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कुछ गाइडलाइन भी दी।
गौरतलब है कि उम्मेद अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में एक सप्ताह पहले एक मरीज के ऑपरेशन के दौरान ही दो डॉक्टरों में तू-तू मैं-मैं हो गई थी। जिसका वीडियो वायरल हुआ था। इस मामले में हाईकोर्ट ने प्रसंज्ञान लिया था। जिसके बाद एडीएम मानाराम पटेल, उम्मेद अस्पताल अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई, मेडिकल कॉलेज की अतिरिक्त प्राचार्य डॉ. रीटा मीणा की जांच कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी की रिपोर्ट के बाद कलक्टर डॉ. सुरपुर ने अपनी संक्षिप्त रिपोर्ट मंगलवार को कोर्ट के सामने पेश की।
मोबाइल ऑपरेट करने वाले पर कार्रवाई नहींमोबाइल ऑपरेट करने वाले पर कार्रवाई नहीं इस मामले में अभी तक केवल डॉ. अशोक नैनवाल पर ही कार्यवाही हुई है। उन्हें मेडिकल कॉलेज से बर्खास्त कर दिया गया है जबकि डॉ. टाक को केवल उम्मेद अस्पताल से हटा कर एमडीएम अस्पताल लगाया गया है। ऑपरेशन थियेटर में मोबाइल से साजिशपूर्वक वीडियो बनाने वाले रेजिडेंट डॉक्टर के खिलाफ मेडिकल कॉलेज ने कोई कार्यवाही नहीं की है।