प्रदेश के कॉलेजों में शिक्षकों के 6 हजार 972 पद है। इसमें से 4 हजार 190 शिक्षक कार्यरत है। फिलहाल 2 हजार 782 शिक्षकों की कमी है। इस सत्र से नए कॉलेज शुरू होने से दो सौ शिक्षकों की डिमाण्ड और बढ़ जाएगी। कक्षाओं में शिक्षक नहीं होने विद्यार्थियों को स्वयंपाठी की तरह स्वयं ही पढऩे के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। विज्ञान जैसे प्रेक्टिकल विषय होने पर छात्र छात्राओं की हालत और खस्ता हो जाती है।
तीन साल में खुले 150 कॉलेज
बीते तीन साल में प्रदेश में अब तक सर्वाधिक कॉलेज खोले गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस कार्यकाल में 150 से अधिक कॉलेज खुल गए हैं। इसी अनुपात में शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। जोधपुर शहर की बात करें तो वर्ष 2019 में राजकीय महाविद्यालय मगरा पूंजला, वर्ष 2020 में राजकीय महाविद्यालय कुड़ी भगतासनी और वर्ष 2021 में राजकीय कन्या महाविद्यालय सूरसागर खोला गया। इस साल शहर में तो कोई कॉलेज शुरू नहीं हो रहा है लेकिन ग्रामीण इलाके में दो नए कॉलेज खुल रहे हैं। जुलाई में भोपालगढ़ में राजकीय कन्या महाविद्यालय और सेखाला में राजकीय महाविद्यालय शुरू किया जाएगा।
गत वर्ष उधारी के 600 शिक्षकों से हुई थी पढ़ाई
शिक्षकों की भारी कमी के चलते बीते साल राज्य सरकार ने विद्या सम्बल योजना शुरू की और शिक्षकों को कालांश पर भर्ती किया गया। इस दौरान प्रदेश भर में 600 से अधिक शिक्षकों ने कक्षाएं ली। मार्च में यह योजना खत्म हो गई। इस साल भी विद्या सम्बल से पढ़ाई कराने की उम्मीद है।
- 372 कॉलेज है प्रदेश में
- 6972 शिक्षकों के पद है कॉलेजों में
- 2782 शिक्षकों के पद रिक्त है
- 32 अतिरिक्त नए कॉलेज इस सत्र से होंगे शुरू
- कॉमर्स के शिक्षकों के सर्वाधिक पद है रिक्त