मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति तथा न्यायाधीश डा.पुष्पेंद्रसिंह भाटी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता बार एसोसिएशन, राजगढ़ की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के बाद पूर्व में 2 सितंबर को दिए आदेशों की पालना में यह कमेटी गठित की। कोर्ट ने 2 सितंबर को हाईकोर्ट प्रशासन को राज्य सरकार के साथ मंथन के बाद छह सप्ताह के भीतर एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन हाईकोर्ट प्रशासन ने इस आदेश में अपेक्षित बदलाव के लिए प्रार्थना पत्र पेश कर कहा कि भवन निर्माण को लेकर वर्तमान में तीन कमेटियां कार्यरत हैं। लिहाजा नई कमेटी के गठन का औचित्य नहीं है। खंडपीठ ने कहा कि पूर्व मेें निर्देशित कमेटी की वर्तमान जरूरतों के लिहाज से आवश्यकता है।
जस्टिस लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी
खंडपीठ ने वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा की अध्यक्षता में गठित कमेटी में न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता, न्यायाधीश पंकज भंडारी, न्यायाधीश विनित कुमार माथुर, रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्रार-कम-सेंट्रल प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर, रजिस्ट्रार (वर्गीकरण), विशेषाधिकारी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जोधपुर महानगर, सार्वजनिक निर्माण विभाग से नामित आर्किटेक्ट, आरएसआरडीसी से नामित एक इंजीनियर, राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एवं एडवोकेट्स एसोसिएशन, जोधपुर के अध्यक्ष तथा राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष सदस्य होंगे।
खंडपीठ ने वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा की अध्यक्षता में गठित कमेटी में न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता, न्यायाधीश पंकज भंडारी, न्यायाधीश विनित कुमार माथुर, रजिस्ट्रार जनरल, रजिस्ट्रार-कम-सेंट्रल प्रोजेक्ट कॉर्डिनेटर, रजिस्ट्रार (वर्गीकरण), विशेषाधिकारी, जिला एवं सत्र न्यायाधीश, जोधपुर महानगर, सार्वजनिक निर्माण विभाग से नामित आर्किटेक्ट, आरएसआरडीसी से नामित एक इंजीनियर, राजस्थान हाईकोर्ट लॉयर्स एवं एडवोकेट्स एसोसिएशन, जोधपुर के अध्यक्ष तथा राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर के अध्यक्ष सदस्य होंगे।
क्या करेगी कमेटी
कमेटी एक समान सामान्य भवन मानक तैयार करेगी, ताकि बिल्डिंग कोड में शामिल होने से भविष्य में सार्वजनिक निर्माण विभाग या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम न्यायालय भवनों के निर्माण में इन मानकों को ध्यान में रख सकें। कोर्ट ने कहा कि अधीनस्थ न्यायालयों की आवश्यकताओं का आकलन करते समय पर्याप्त आकार के कोर्ट रूम और जज चैंबर, लाइब्रेरी, बार रूम, लेडीज बार रूम, पुरुष और महिलाओं के लिए पर्याप्त टॉयलेट, कैंटीन, वादियों के लिए प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं, पानी, बार लाइब्रेरी, लोक अदालत या मध्यस्थता के लिए स्थान, टाइपिंग की सुविधा, पुलिस लॉक-अप, रैंप, लिफ्ट और दिव्यांगों के लिए अनुकूल सुविधाओं को सम्मिलित करना चाहिए। भवन मानकों में आवश्यक रूप से दिव्यांगों के लिए प्रत्येक अपेक्षित सुविधाओं का समावेश होगा। अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी।
कमेटी एक समान सामान्य भवन मानक तैयार करेगी, ताकि बिल्डिंग कोड में शामिल होने से भविष्य में सार्वजनिक निर्माण विभाग या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम न्यायालय भवनों के निर्माण में इन मानकों को ध्यान में रख सकें। कोर्ट ने कहा कि अधीनस्थ न्यायालयों की आवश्यकताओं का आकलन करते समय पर्याप्त आकार के कोर्ट रूम और जज चैंबर, लाइब्रेरी, बार रूम, लेडीज बार रूम, पुरुष और महिलाओं के लिए पर्याप्त टॉयलेट, कैंटीन, वादियों के लिए प्रतीक्षालय जैसी सुविधाएं, पानी, बार लाइब्रेरी, लोक अदालत या मध्यस्थता के लिए स्थान, टाइपिंग की सुविधा, पुलिस लॉक-अप, रैंप, लिफ्ट और दिव्यांगों के लिए अनुकूल सुविधाओं को सम्मिलित करना चाहिए। भवन मानकों में आवश्यक रूप से दिव्यांगों के लिए प्रत्येक अपेक्षित सुविधाओं का समावेश होगा। अगली सुनवाई 3 मार्च को होगी।