scriptखींचन में पहली बार नजर आए कॉमन यूरेशियन क्रेन | Common Eurasian cranes seen for the first time in drag | Patrika News

खींचन में पहली बार नजर आए कॉमन यूरेशियन क्रेन

locationजोधपुरPublished: Nov 17, 2020 06:40:24 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

 
..कोहरा छाया तो पहुंची 11 हजार कुरजां
 

खींचन में पहली बार नजर आए कॉमन यूरेशियन क्रेन

खींचन में पहली बार नजर आए कॉमन यूरेशियन क्रेन

जोधपुर. जिले के फलोदी स्थित खींचन में प्रवासी पक्षी कुरजां की संख्या में निरंतर बढ़ोतरी के साथ पहली बार कॉमन यूरेशियन क्रेन भी नजर आए हैं। पक्षी विशेषज्ञों का मानना है कि थार का मौसम प्रवासी पक्षियों के लिए पसंदीदा साबित हो रहा है। यही कारण है कि कुरजां सहित विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी थार की ओर रुख कर रहे हैं।
पक्षी विशेषज्ञ डॉ. हेमसिंह गहलोत के अनुसार पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां आने से थार में एक प्रवासी पक्षियों का एक हब बन सकता है। इससे इॅको टूरिज्म की संभावनाएं बढ़ जाएगी।

कुरजां से कुछ अलग है यूरेशियन क्रेन
यूरेशियन क्रेन की लम्बाई 100-130 सेमी व समग्र रूप से ग्रे रंग का होता है। शरीर पर एक सफ़ेद लकीर आंखों के पीछे से पीठ के ऊपरी भाग तक फैली रहती है। वयस्क पक्षी के सिर का ऊपरी भाग (क्राउन) लाल रंग का होता है। गर्दन एव सिर काला रंग का होता है। जबकि डेमोसाइल क्रेन (कुरजां) की लंबाई सामान्यत: 85-100 सेमी होती है। यह पक्षी क्रेन प्रजातियो में सबसे छोटी आकर की होती है । इसका समग्र रूप से स्लेट -ग्रे रंग का और गर्दन पर सफेद रंग रहता है।
पहले दाना चुगती है, बाद में कंकर पत्थर

खींचन में चुग्गा घर की देखभाल करने वाले सेवाराम माली ने बताया कि मंगलवार को छाए घने कोहरे के बीच 11 हजार से अधिक कुरजां चुग्गाघर मैदान में पहुंची। चुग्गा घर से कुरजां के झुंड तालाब के किनारे रोजाना सुबह 7.30 बजे दाना चुगने पहुंचते है। कुरजां कंकर और छोटे पत्थरों का सेवन भी करती है।
कुरजां कंजर्वेशन रिजर्व प्रोजेक्ट तैयार
खींचन गांव में कुरजां कंजर्वेशन रिजर्व का प्रोजेक्ट बनकर तैयार हो चुका है। इसी सप्ताह ही राज्य सरकार को प्रेषित कर दिया जाएगा।

-डॉ. समित शर्मा, संभागीय आयुक्त जोधपुर
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