चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के संयुक्त निदेशक डॉ. युद्धवीरसिंह राठौड़ ने बताया कि गत सवा साल में 6 से 7 हजार मरीजों के नाम पर क्लेम के 13 करोड़ रुपए उठाए जाने की शिकायत मिली है। संबंधित दस्तावेज जांचे जा रहे हैं। इसके आधार पर मरीजों से बात की जाएगी। शिकायत यह भी है कि मरीजों को कैंसर की दवा दी ही नहीं गई और भुगतान उठा लिया गया। जिसमें कीमोथैरेपी व अन्य दवाइयां शामिल हैं। शिकायत के अनुसार, क्लिनिक में बिना स्टॉक दवाइयां होते हुए कुछ चिकित्सकों के साथ मिलीभगत कर कूटरचित विक्रय बिल बनाकर मरीजों के साथ धोखाधड़ी की गई है। क्लिनिक से जुड़े मेडिकल स्टोर ने फर्जी बिल काटे हैं। मरीजों तक दवाइयां भी नहीं पहुंची। जयपुर में शिकायत के बाद जांच कमेटी बनाई। जयपुर से डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, संयुक्त निदेशक डॉ. युद्धवीरसिंह राठौड़ व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के शहरी कार्यक्रम प्रबंधक आशीष मैथ्यूज जांच कर रहे हैं। टीम ने अचानक मौके पर पहुंच मेडिकल स्टोर व अस्पताल संचालक को बुलाकर बुधवार दिनभर जांच की।
जांच चल रही है…
इस मामले में जांच चल रही है। हम शनिवार सुबह और जांच करेंगे। कैंसर की दो-तीन दवाइयां व कंपनियां हैं। हम ये जांच करेंगे कि जिसको दवा दी है, वह मरीज कैंसर का था या नहीं। सॉफ्टवेयर से देखेंगे कि मरीज को कितनी बार दवाई दी गई है। दवाइयों की खरीद व विक्रय की जानकारी लेंगे। सभी तरह के बिल खंगाले जाएंगे। इसके बाद फिजिकली मरीज चैक करेंगे।
इस मामले में जांच चल रही है। हम शनिवार सुबह और जांच करेंगे। कैंसर की दो-तीन दवाइयां व कंपनियां हैं। हम ये जांच करेंगे कि जिसको दवा दी है, वह मरीज कैंसर का था या नहीं। सॉफ्टवेयर से देखेंगे कि मरीज को कितनी बार दवाई दी गई है। दवाइयों की खरीद व विक्रय की जानकारी लेंगे। सभी तरह के बिल खंगाले जाएंगे। इसके बाद फिजिकली मरीज चैक करेंगे।
– डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, उपनिदेशक, ब्लाइंडनेस कंट्रोल व प्रतिनियुक्त बीएसबीवाइ