‘रिप्स’ के निवेश में रोड़ा बना कोरोना
- पिछले डेढ़ साल में महज 73 उद्योगों के जरिये 191 करोड़ का निवेश
- 2019 की राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना

जोधपुर।
कोरोना की वजह से पिछला एक साल काफी चुनौतियां भरा रहा। जो उद्योग चल रहे थे वे भी प्रभावित हुए और नए निवेश की गति भी थम गई। इसका उदाहरण इसी बात से लगाया जा सकता है कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना जो कि विशेष तौर पर उद्योगों के निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए लागू की गई थी उसमें भी पूरे प्रदेश में महज 73 उद्योग ही लग पाए।
राज्य सरकार के उद्योग विभाग ने खुद यह जानकारी साझा की है, इसमें बताया कि 73 उद्योग करीब 15 जिलों में स्थापित हुए हैं। यह दिसम्बर 2019 के बाद की स्थिति है। जिसमें मार्च के बाद कोरोना का इफेक्ट आ गया। लेकिन इसके बाद भी उद्योग का स्थापित होना और निवेश होना अच्छे संकेत हैं।
क्या है रिप्स में फायदा
75 प्रतिशत की निवेश सब्सिडी मिलती है स्टेट टैक्स पर। रोजगार नियोजन करने पर सात साल तक इपीएफ और इएसआइ में नियोजनकर्ता का 50 प्रतिशत हिस्सा सरकार देती है। इलेक्ट्रिक ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट, लैंड टैक्स में शत-प्रतिशत छूट, मंडी टैक्स में शत-प्रतिशत छूट और स्टाम्प ड्यूटी में शत-प्रतिशत छूट मिलती है। यह सभी छूट आगामी सात साल तक मिलती है।
जयपुर जिले में सबसे अधिक उद्योग
बारां में 3, भरतपुर में 3, सवाईमाधोपुर में 1, भीलवाड़ा में 1, अलवर में 5, झालावाड़ा में 2, चितौडगढ़़ में 3, जोधपुर में 3, अजमेर में 11, जयपुर में 13, भिवाड़ी में 6, नागौर में 1, सिरोही में 10, बांसवाड़ा में 1 और जालोर में 7 उद्योग लगे हैं।
फैक्ट फाइल
- 2019 की रिप्स योजना
- 73 उद्योगों ने इसके तहत पंजीयन करवाया
- 191 करोड़ से अधिक का निवेश
- 15 जिलों में लगे रिप्स के तहत उद्योग
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