80 से 85 मरीज एडमिट
एम्स व एमजीएच में करीब 80 से 85 मरीज ऐसे भर्ती हैं, जो दूसरी बीमारी को लेकर अस्पताल आए थे। उन्हें ऐनवक्त कोरोना निकल आया। हालांकि कई दूसरी बीमारियों से गंभीर मरीज भी पॉजिटिव है,ं लेकिन इन दिनों फेफड़ों तक कोरोना नहीं पहुंच रहा है। निमोनिया जैसे हालात भी कम मरीजों के है। इस कारण रेमडेसीवीर व तोशिलाजुनाब जैसे इंजेक्शन डॉक्टर्स मरीज को नहीं दे रहे हैं।
एम्स व एमजीएच में करीब 80 से 85 मरीज ऐसे भर्ती हैं, जो दूसरी बीमारी को लेकर अस्पताल आए थे। उन्हें ऐनवक्त कोरोना निकल आया। हालांकि कई दूसरी बीमारियों से गंभीर मरीज भी पॉजिटिव है,ं लेकिन इन दिनों फेफड़ों तक कोरोना नहीं पहुंच रहा है। निमोनिया जैसे हालात भी कम मरीजों के है। इस कारण रेमडेसीवीर व तोशिलाजुनाब जैसे इंजेक्शन डॉक्टर्स मरीज को नहीं दे रहे हैं।
केस-1
बाड़मेर निवासी 66 वर्षीय वृद्धा रमा (परिवर्तित नाम) को हार्ट की तकलीफ हुई। उन्हें जोधपुर रैफर किया गया। एमडीएम में एंजियोग्राफी प्लान से पहले उन्हें कोरोना टेस्ट लिखा गया। वे पॉजिटिव निकली। जिन्हें एमजीएच रैफर किया गया। रमा अब जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में एंजियोग्राफी क रवाएंगी।
बाड़मेर निवासी 66 वर्षीय वृद्धा रमा (परिवर्तित नाम) को हार्ट की तकलीफ हुई। उन्हें जोधपुर रैफर किया गया। एमडीएम में एंजियोग्राफी प्लान से पहले उन्हें कोरोना टेस्ट लिखा गया। वे पॉजिटिव निकली। जिन्हें एमजीएच रैफर किया गया। रमा अब जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में एंजियोग्राफी क रवाएंगी।
केस-2 भीतरी शहर निवासी राजेश ( बदला हुआ नाम) को पेट में पथरी थी। निजी अस्पताल दिखाने गए, ऑपरेशन से पहले कोरोना टेस्ट किया गया, वे संक्रमित निकले। उन्हें हाथोंहाथ क्वॉरंटाइन रहने की नसीहत दी गई। राजेश अब अपना दोबारा पथरी का ऑपरेशन चिकित्सक की सलाह पर प्लान करेंगे।
इनका कहना हैं…
ज्यादातर मरीजों के फेफड़े प्रभावित नहीं है। अभी जो भर्ती हो रहे है, वे हॉस्पिटल के ही मरीज है। ये लोग अन्य डिजीज के कारण भर्ती होते है, इस बीच कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है।
ज्यादातर मरीजों के फेफड़े प्रभावित नहीं है। अभी जो भर्ती हो रहे है, वे हॉस्पिटल के ही मरीज है। ये लोग अन्य डिजीज के कारण भर्ती होते है, इस बीच कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है।
– डॉ. नवीन किशोरिया, सीनियर प्रोफेसर, मेडिसिन विभाग, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज