आखिर पुलिस ने मर्ग कायम करने से क्यों कर दिया मना
लखनपुर विकासखंड के झाबर निवासी महिला की जहर सेवन के बाद अस्पताल में
पहुंचते ही हो गई मौत, मौत की लिखित पुष्टि नहीं होने पर पुलिस ने उठाया
कदम
अंबिकापुर
Published: January 08, 2016 09:44:09 am
अंबिकापुर. अस्पताल की अव्यवस्था थमने का नाम नहीं ले रही है। प्रबंधन द्वारा डाक्टरों की ड्यूटी दूसरे जगह लगाए जाने के बावजूद उनके जगह पर किसी अन्य की ड्यूटी नहीं लगाए जाने से एक बार फिर गुरूवार को अस्पताल में अव्यवस्था देखने को मिली। वहीं वार्ड ब्याय की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जानकारी के अनुसार लखनपुर थाना क्षेत्र के ग्राम झाबर निवासी सिया केवट का विवाह एक वर्ष पूर्व ही लखनपुर क्षेत्र के पोकेन नाला निवासी अशोक केवट के साथ हुआ था। शादी के कुछ दिन बाद से विवाहिता बार-बार अपने मायके आने के बाद ससुराल जाने के लिए कतराती थी।
वह एकादशी के समय मायके आई थी और काफी दिनों तक अपने ससुराल वापस नहीं लौटी थी। इस पर ससुराल पक्ष के लोग रविवार के दिन उसे लेने पहुंचे थे। इस बीच विवाहिता अपनी भाभी के साथ महिला समूह की मीटिंग में चली गई थी। उसको मायके में न पाकर ससुराल पक्ष के लोग यह कहकर लौट गये कि अगर वह आती हैं तो उसे पहुंचा देना।
गुरूवार की सुबह विवाहिता ने मायके में ही कीटनाशक का सेवन कर लिया। इसकी जानकारी लगने पर परिजन तत्काल उपचार के लिए लखनपुर स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया जहां डाक्टरों ने उसकी गंभीर हालत को देखते हुये जिला चिकित्सालय ले जाने की सलाह दी। लगभग 11 बजे परिजन उसे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे परंतु उसकी मौत हो चुकी थी। ओपीडी के पांच नंबर कक्ष में बैठे एक चिकित्सक ने उसे मृत बताकर जाने को कहा।
चूंकि मामला जहर सेवन का था। इस कारण से परिजन पुलिस सहायता केन्द्र के सामने विवाहिता की शव को लेकर पहुंचे। मौत की कोई लिखित पुष्टि नहीं होने पर पुलिस ने मर्ग कायम करने से मना दिया। इस दौरान आपातकालीन कक्ष में कोई भी डाक्टर नहीं था।
परिजन रोते-बिलखते रहे, लेकिन अस्पताल का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी सामने नहीं आया। बाद में वार्ड ब्याय ओपीडी में बैठे किसी चिकित्सक से एक कागज पर मौत की पुष्टि लिखवाकर ले आया और पुलिस को सौंप दिया।
इस पर भी सवाल
जहर सेवन करने वाली विवाहिता को लेकर परिजन जिला अस्पताल 11 बजे पहुंचे थे। उसी दौरान बिजली गुल हो जाने की वजह से पर्ची काउंटर में जब परिजनों ने पर्ची बनवाई तो कर्मचारी ने हाथ से लिखकर पर्ची दे दी। परंतु उसमें समय का जिक्र नहीं किया।
दिखी प्रबंधन की अव्यवस्था
अस्पताल प्रबंधन द्वारा आपतकालीन ड्यूटी जिस चिकित्सक की लगाई गई थी। उन्हें गुरूवार की सुबह मैनपाट में आरबीएसके कार्यक्रम में अन्य चिकित्सकों के साथ भेज दिया गया था। इसकी जानकारी होने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा उनकी जगह पर किसी अन्य डाक्टर की आपतकालीन ड्यूटी नहीं लगाई गई थी।
वहीं वार्ड ब्याय द्वारा जिस डाक्टर के हस्ताक्षर से मौत की पुष्टि की सूचना दी गई थी, वह भी सुबह 10 बजे से कलेक्टोरेट में आयोजित बैठक में सिविल सर्जन के साथ उपस्थित थे। ऐसे में पूरे अस्पताल की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

why did the police refuse to establish Marg inmitation
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