बारात, शोभायात्रा या जुलूस में शरीक होने पर वहां मालिक इनको चने की दाल – गुड़ खिलाते थे। लेकिन लॉक डाउन की मार इन पर भी पड़ी है और इनके लिक इन्हें अब हरा चारा खिला रहे हैं।
ग्रह शुक्र उदित हो चुके हैं और शादियां 1 जुलाई तक हैं। निकाह भी हो रहे लेकिन बारात को अनुमति नहीं है। जयंती, शोभायात्रा व जुलूस पर भी रोक है । एक घोड़ी मालिक शौकत अली कहते हैं कि पता नहीं कब तक यह स्थिति रहेगी। हम तो इन्हें बेच भी नहीं सकते।
इनका कहना है किसी भी लडक़ी यानी राजकुमारी को लेने कोई राजकुमार सफेद घोड़े पर आता है तो शुभ माना जाता है। ऐसे घोड़े-घोडिय़ों का नेक भी अच्छा मिलता है।
नटवर सिंह भाटी, गुजरावास