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कम्यूनिटी पुलिस ऑफिसर की ट्रेनिंग नहीं, स्टूडेन्ट पुलिस कैडेट ठंडे बस्ते में

locationजोधपुरPublished: Jul 09, 2018 09:44:09 pm

Submitted by:

Amit Dave

सरकारी स्कूलों में बच्चों को पुलिस फोर्स की तरह ही तैयार करने के लिए स्टूडेन्ट पुलिस कैडेट का गठन हुआ था
एसपीसी युनिट को कम्यूनिटी पुलिस ऑफिसर करते है तैयार

CPO training in Jodhpur

कम्यूनिटी पुलिस ऑफिसर की ट्रेनिंग नहीं, स्टूडेन्ट पुलिस कैडेट ठंडे बस्ते में

जोधपुर।

सरकारी स्कूली छात्रों को पुलिस फोर्स की तरह तैयार करने के लिए गठित स्टूडेन्ट पुलिस कैडेट (एसपीसी) योजना सरकारी उदासीनता की वजह से ठंडे बस्तें में चली गई है। इसकी वजह, सरकार की ओर से इस योजना व एसपीसी को तैयार करने वाले कम्यूनिटी पुलिस ऑफिसर (सीपीओ) के प्रशिक्षण पर ध्यान नहीं देना है। सूत्रों के अनुसार, योजना शुरू होने के बाद एक बार ही सीपीओ की ट्रेनिंग हुई। उसके बाद नए सीपीओ तैयार करने, उनके प्रशिक्षण आदि पर ध्यान ही नहीं दिया गया। प्रदेशभर में चल रही इस योजना के यही हाल है।

गहलोत सरकार में शुरू हुई योजना

सरकारी स्कूली छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने प्रदेश में वर्ष 2013-14 में इस योजना को लागू किया था। योजना को लागू करने से पूर्व, सरकार ने केरल राज्य में संचालित हो रही इस योजना की जानकारी के लिए एक अध्ययन दल केरल भेजा था। जिसकी पॉजिटिव रिपोर्ट के बाद ही प्रदेश में इस योजना को लागू किया गया।
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प्रत्येक जिला स्तर पर एक युनिट

प्रदेश में प्रत्येक जिला स्तर पर एक सरकारी स्कूल में एसपीसी यूनिट गठन की घोषणा की गई। जिसमें जोधपुर में दूसरा पुलिया स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सिवांची गेट में यह युनिट शुरू की गई। वर्तमान में यहां यह योजना संचालित नहीं हो रही है। इसकी वजह, यहां नियुक्त सीपीओ का तबादला हो गया और उनके स्थान पर किसी नए प्रशिक्षित सीपीओ की नियुक्ति नहीं होना है।

पुलिस एकेडमी में होती है ट्रेनिंग

शिक्षा विभाग व राजस्थान पुलिस एकेडमी की इस योजना में सीपीओ की टे्रनिंग राजस्थान पुलिस एकेडमी में होती है। सफलतापूर्वक ट्रेनिंग के बाद सीपीओ को सब इंस्पेक्टर की मानद उपाधि व पुलिस की तरह ही स्टार दिए जाते है। सीपीओ के पुलिस सेवा में जाने पर उसे रेंक अनुसार पद भी दिया जाता है।

22 लड़कों की टीम

एसपीसी यूनिट में 22 लड़के होते हैं। कक्षा 9 व 10 के छात्रों की शारीरिक परीक्षा के बाद विद्यालय चयन बोर्ड एसपीसी का चयन करते है। एसपीसी का ध्येय वाक्य ‘वी लर्न टू सर्व है। कैडेट्स यातायात नियंत्रण, यातायात नियम, प्राकृतिक आपदाओं, आमजन को कानून की जानकारी देने, शांति व्यवस्था में सहयोग, राज्य व केन्द्र स्तरीय कार्यक्रमों, पुलिस विभाग की ओर से विभिन्न कार्यक्रमों में सहयोग देने का कार्य करते हैं।
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टे्रनिंग ही नहीं, कहां से होगी नियुक्ति

जिले में मैं एक ही ट्रेनिंग लिया हुआ सीपीओ था। अब मेरा तबादला व प्रमोशन हो गया है। जिस स्कूल में योजना थी, वहां कोई नया सीपीओ नहीं है। नए सीपीओ की ट्रेनिंग ही नहीं हुई। इस वजह से एक अच्छी योजना बंद हो गई है।
मणिकांत जोशी, सीपीओ

राउमावि सिवांची गेट

सीपीओ नहीं, योजना बंद

हमारी स्कूल में ही यह योजना चल रही थी। स्टूडेन्ट पुलिस कैडेट को प्रशिक्षित सीपीओ ही ट्रेनिंग दे सकता है। अब कोई दूसरा प्रशिक्षित सीपीओ नहीं है। इसलिए यह योजना नहीं चल रही है। हमने सरकार को नए सीपीओ की ट्रेनिंग के लिए निवेदन किया है।
हिम्मतसिंह तंवर, प्रिंसिपल

राउमावि, सिवांची गेट

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