चरित्र पर संदेह के चलते शोभावतों की ढाणी स्थित मकान के कमरे में हथौड़े से पत्नी की हत्या करने के आरोपी पति से चौहाबो थाना पुलिस ने हथौड़ा व खून के धब्बे लगे कपड़े बरामद किए। आरोपी को मंगलवार को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया।थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रकरण में गिरफ्तार मूलत: राजसमन्द जिले में दिवेर थानान्तर्गत मोडि़या खेड़ा हाल शोभावतों की ढाणी निवासी हिम्मत सिंह को एक दिन के रिमाण्ड पर लिया गया था। पूछताछ के दौरान उससे हत्या में प्रयुक्त हथौड़ा व कपड़े बरामद किए गए। वारदात के बाद आरोपी ने भागते समय हथौड़े को घर के बाहर झाडि़यों में फेंक दिया था। उसकी निशानदेही पर यह हथौड़ा जब्त किया गया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेजने के आदेश दिए गए। गौरतलब है कि गत ग्यारह मार्च की तड़के आरोपी ने कमरे में बिस्तर पर लेटी पत्नी मनीषा कंवर के ललाट पर हथौड़ा मार दिया था। जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी। उसके एक पुत्र व दो पुत्रियां है। बड़ी पुत्री लता की शिकायत पर पिता के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने मौके से फरार होने वाले आरोपी को सांगरिया ओवरब्रिज से पकड़ लिया था।
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बीपीएल परिवारों में सप्लाई को आठ करोड़ रुपए का पैंतीस हजार क्विंटल गेहूं मंगवाकर गबन की आरोपी निलम्बित आईएएस निर्मला मीणा की करोड़ों की सम्पत्तियां उजागर हो चुकी हैं। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इन सम्पत्तियों के दस्तावेज खंगालने के साथ ही कुछ और सम्पत्तियों का पता लगाने का प्रयास कर रहा है। ब्यूरो को कुछ और दस्तावेज भी मिले हैं। जानकारी के अनुसार प्रकरण में तत्कालीन जिला रसद अधिकारी व निलम्बित आईएएस निर्मला मीणा आरोपी है। हाईकोर्ट ने पन्द्रह मार्च तक गिरफ्तारी पर रोक के साथ ही जांच में एसीबी का सहयोग करने के आदेश दे रखे हैं। एेसे में जोधपुर से गायब होने के बाद मीणा उदयपुर में जांच अधिकारी के समक्ष पेश हुईं और सवालों के जवाब दिए। साथ ही कुछ दस्तावेज भी पेश किए। उधर, एसीबी की जांच के बाद मीणा के पास जोधपुर, बाड़मेर, जयपुर व सिरोही में करोड़ों रुपए की सम्पत्ति होना उजागर हुआ था। फिलहाल ब्यूरो ने पंजीयन एवं मुद्रांक कार्यालय से सत्यापित प्रतिलिपियां ली हैं। मूल दस्तावेज के लिए मीणा को नोटिस दिया गया। एसीबी को उम्मीद है कि आईएएस के पास काली कमाई से अर्जित और सम्पत्ति हो सकती है। एेसे में अपने स्तर पर जांच कर संबंधित विभाग से दस्तावेज लिए जा रहे हैं। ब्यूरो को कुछ और दस्तावेज मिले हैं। जिनकी जांच की जा रही है। इसके बाद आय से अधिक सम्पत्ति का एक और मामला दर्ज हो सकता है।