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अमरीका की आपत्ति के बाद भारतीय निर्यातकों की सब्सिडी पर संकट

locationजोधपुरPublished: Aug 08, 2019 09:34:34 pm

Submitted by:

Amit Dave

– निर्यातको को एमइआइएस स्कीम के तहत दी जा रही सब्सिडी पर जताया एतराज
– जोधपुर के निर्यातक व आर्टिजन होंगे प्रभावित

jodhpur

अमरीका की आपत्ति के बाद भारतीय निर्यातकों की सब्सिडी पर संकट

जोधपुर।

केन्द्र सरकार की ओर से देश के निर्यात उद्योग व निर्यातकों को बढ़ावा देने के लिए अनेक रियायती स्कीम्स दी जा रही है। इनमें मर्चेन्डाइस एक्सपोट्र्स फ्रॉम इंडिया स्कीम (एमइआइएस) के तहत निर्यातकों को अपने उत्पादों के निर्यात पर सब्सिडी दी जाती है। हाल ही में भारतीय उत्पादों के प्रमुख खरीदार अमरीका ने भारत द्वारा निर्यातकों को दी जाने वाली रियायतों पर वल्र्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (डब्ल्यूटीओ) में एतराज जताया है। अमरीका ने डब्ल्यूटीओ को बताया कि इन रियायती स्कीमों के कारण उनकी कम्पनियों को आर्थिक नुकसान झेलना पड रहा है । अमरीका की आपत्ति पर डब्ल्यूटीओ ने भारत को इस संबंध में जल्द ही सकारात्मक कदम उठाने को कहा है । इस पर केन्द्र सरकार की ओर से एमइआइएस के तहत निर्यातको को दी जाने वाली सब्सिडी में जल्द ही फेरबदल करने व नई स्कीम लांच करने का आश्वासन दिया गया। नई स्कीम के तहत जीएसटी रिफ ण्ड पर इन्डायरेक्ट टैक्सेज शामिल किए जाएंगे। नई स्कीम में अमरीका को घाटा न हो, इस तरह निर्यातकों को दी जाने वाली सब्सिडी का प्रावधान होगा। डब्ल्यूटीओ के 164 सदस्य देशों में भारत भी वर्ष 1995 से सदस्य है ।

प्रभावित होंगे जोधपुर के हजारों आर्टिजन-हस्तशिल्पी

वर्तमान में एमइआइएस स्कीम के तहत हैण्डीक्राफ्ट, टेक्सटाइल्स, स्टील व अन्य कुटीर उद्योगों को सरकार की ओर से निर्यात पर ५ प्रतिशत ड्रॉबैक इंसेंटिव मिल रहा है। जोधपुर से हैण्डीक्राफ्ट उत्पादों का सालाना 2500 करोड़ टर्नओवर है। इससे करीब 1 लाख से ज्यादा आर्टिजन, हस्तशिल्पी जुडे़ हुए है। प्रतिस्पर्धा के दौर में कई निर्यातक एेसे है, जो लागत मूल्य पर ही अपने उत्पादों का निर्यात कर रहे है। एेसे निर्यातकों व उनके लिए काम करने वाले आर्टिजनों के लिए यह इंंंसेंटिव वरदान है। अगर यह स्कीम बंद होती है तो देश सहित जोधपुर के निर्यातकों को झटका लगेगा व परोक्ष रूप से हजारों आर्टिजन प्रभावित होंगे।

सरकार की ओर से हैण्डीक्राफ्ट सहित सभी निर्यात उद्योगों के लिए एमइआइए इंसेंटिव स्कीम एक प्रोत्साहन है। अभी 5 प्रतिशत इंसेंटिव मिल रहा है। अगर यह स्कीम बंद होगी तो निर्यातकों के साथ हस्तशिल्पियों के लिए भी झटका होगा।
मनीष पुरोहित, सचिव

जोधपुर हैण्डीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन

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