गौरतलब है कि यह पुल बरसों पुराना है। जिसमें नए पुलों की तरह सीमेंट व लोहे के सरियों का उपयोग करते हुए आरसीसी का निर्माण नहीं होकर पत्थर की छीणेंनुमा मोटे व भारी-भरकम पाट काम में लिए हुए हैं। इनमें से करीब 5-7 पत्थर के पाट टूट गए , लेकिन अभी भी सार्वजनिक निर्माण विभाग इन्हें ठीक कराने को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है। पत्थर के पाट टूटने की वजह से सडक़ भी धीरे-धीरे नीचे धंसने लगी है और सडक़ पर इसकी दरारें भी साफ नजर आ रही है।
बावजूद इसके विभाग की ओर से इस पुल की मरम्मत अथवा पाट बदलने को लेकर कोई खास प्रयास अथवा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। इस कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने इस संबंध में शिकायत भी दर्ज करवाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
हालांकि इस संबंध में सानिवि के अधिकारियों का कहना है कि पुल कुछ दिन पहले ही क्षतिग्रस्त हुआ है और इसकी मरम्मत का प्रस्ताव बनाकर विभाग के उच्चाधिकारियों को भिजवा दिया गया है। जिसके लिए शीघ्र ही बजट मिलने पर इसे ठीक करवाया जाएगा।
हीरादेसर-रुदिया गांव के बीच सडक़ पर बने पुल के पाट टूट जाने से हादसे की आशंका बनने लगी है और इन पाटों के गिरने से कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। ऐसे में विभाग को शीघ्र ही इस ओर ध्यान देकर क्षतिग्रस्त पुल को ठीक करवाना चाहिए।
दयाराम गुर्जर, सरपंच रूदिया
पुल के पाट टूट जाने के मामले को लेकर सानिवि के अधिकारियों को आज ही निर्देश दिए जाएंगे और शीघ्र ही इस बारे में भौतिक सत्यापन करवाकर इसको ठीक करवाने के भी प्रयास किए जाएंगें।
सुरेश चौधरी, उपजिला कलक्टर, भोपालगढ़
रातड़ी चौराहे से आसोप तक की सडक़ बदहाल
गजसिंहपुरा. क्षेत्र के रातड़ी चौराहा से वाया रड़ोद-आसोप होते हुए गोटन की ओर जाने वाली डामर सडक़ क्षतिग्रस्त हो जाने एवं बड़े-बड़े गड्ढे बन जाने से यह सडक़ क्षतिग्रस्त हो गई है। जिसकी वजह से न केवल आए दिन छिटपुट सडक़ हादसे होते रहते हैं, बल्कि इस सडक़ मार्ग से होकर जाने वाले राहगीरों व वाहन चालकों को भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रड़ोद के पूर्व सरपंच शिवकरण भडिय़ार ने बताया कि सडक़ न केवल जगह-जगह से टूट गई है, बल्कि सडक़ के दोनों ओर बनाई गई पटरियां भी बरसाती पानी के बहाव के साथ बह गई हैं।