केंद्र सरकार ने वर्ष 2014 में जोधपुर में सीआरपीएफ के रिक्रूट ट्रेनिंग सेंटर को मंजूरी दी थी जिससे पश्चिमी राजस्थान के युवाओं को भी अपने घर के पास ही सीआरपीएफ में प्रशिक्षण का मौका मिल सके। शुरुआत में इसे श्रीगंगानगर स्थित सूरतगढ़ में संचालित किया गया। पालडी खिचियां में खुद का भवन बनने के बाद जुलाई 2019 में सूरतगढ़ से यहां शिफ्ट कर दिया गया। वर्ष 2019 में ही यहां सबसे पहले आत्महत्या की वारदात हुई।
बिल्डिंग का ले-आउट बनाने में शामिल थे संदीप
मेरठ निवासी संदीप गिरी इंस्पेक्टर पद पर थे। वे इंजीनियर थे और आरटीसी के भवन निर्माण की प्रक्रिया से जुड़े थे। भवन तो सीपीडब्ल्यूडी बना रही थी लेकिन संदीप के सीनियर्स ने उन्हें भवन निर्माण में भ्रष्टाचार में धकेलना चाहा। भारी दबाव में संदीप टूट गए और उन्होंने 2019 में आत्महत्या कर ली।
खराब पपीते को लेकर विकास को जमकर कोसा
चूरू निवासी सब इंस्पेक्टर विकास ने दिसम्बर 2021 में आत्महत्या की। विकास की पत्नी कविता ने बताया कि उसे महज एक खराब पपीता लाने पर अधिकारियों ने जमकर कोसा। सीनियर्स व जूनियर्स के सामने काफी बेइज्जती की और नौकरी छीन लेने की धमकी देते रहे। एक महीना तक विकास तनाव में रहे और आखिर मौत को गले लगा दिया।
पांच दिन तक जूझता रहा नरेश
पाली निवासी कांस्टेबल नरेश जाट का सीनियर अधिकारियों के साथ विवाद हो गया। उस पर राइफल लेकर भागने व राइफल कॉक करने का आरोप लगाया गया। पांच दिन से ड्यूटी से दूर था। आखिर उसके सब्र का बांध टूटा और खुद पर ही गोली चला दी।
पाली निवासी कांस्टेबल नरेश जाट का सीनियर अधिकारियों के साथ विवाद हो गया। उस पर राइफल लेकर भागने व राइफल कॉक करने का आरोप लगाया गया। पांच दिन से ड्यूटी से दूर था। आखिर उसके सब्र का बांध टूटा और खुद पर ही गोली चला दी।