डेंगू में प्लेटलेट्स व खून का ध्यान रखते हैं। साथ ही सीबीसी जांच करवाते है। वहीं चिकनगुनिया में ध्यान रखते है कि ज्यादा दर्द निवारक गोलियां न दे। क्योंकि चिकनगुनिया में जोड़ संबंधी इलाज होता है। इसके अलावा टेमीफ्लू नामक दवा दी जाती है, जिसको ऑक्सीनटेमीवीर भी कहा जाता है। इसमें विशेषकर श्वास प्रक्रिया का ध्यान का रखा जाता है। बाजार में स्वाइन फ्लू का वैक्सीन मिल जाएगा, लेकिन डेंगू व चिकनगुनिया का वैक्सीन अभी चालू नहीं हुआ है।
आयुर्वेद का इलाज आयुर्वेद में इन तीनों बीमारियों का इलाज हैं। डेंगू-चिकनगुनिया में त्रिभुवन कीर्तिरस की एक-एक गोली, महासुदर्शन घनवटी की १-१ गोली, करंजादि वटी की एक-एक गोली, लौंग, तुलसी, काली मिर्च, अदरक, दालचीनी का काढ़ा, अनार, पपीते का रस, गिलोय के रस का प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा स्वाइन फ्लू में लक्ष्मी विलास रस की दो-दो गोली, भोजिवादी काढ़ा, ज्वरहर काढ़ा व गिलोय का रस दिया जाता है।
– डॉ. राधेश्याम शर्मा, कुलपति, आयुर्वेद विश्वविद्यालय होम्योपैथी से इलाज होम्योपैथी में स्वाइन फ्लू, डेंगू व चिकनगुनिया का इलाज रोगी की स्थिति देखकर किया जाता है। स्वाइन फ्लू में आसैनिक एल्ब- २ सौ, एेलियम सीपा-३०, यूपेटोरियम-पर्फ २००, रस टॉक्स-३०, एेकोनाइट-३० व इन्फूजिनम २०० दी जाती है। डेंगू में यूपेटोरियम पर्फ-२००, पाइरोजिनियम-३०, रस-टॉक्स-३०, बेलाडोना-३० व ब्रायना एल्ब-३० दी जाती है। चिकनगुनिया में काली म्यूर-१एम, पाइट्रम म्यूर २००, लिडमपाल-३०, रस टॉक्स व केरिका प्पाया दिया जाता है।
– डॉ. रामसिंह सोलंकी, चिकित्सक, होम्योपैथी डेंगू और चिकनगुनिया के लक्षण
तेज बुखार, नाक से पानी आना, छींके, सिर दर्द, सारे बदन में दर्द, जोड़ों में दर्द, प्लेटलेट्स की कमी व शरीर पर लाल दाने और चकते निकलना।
इसमें बुखार आना, सिर दर्द, गला दुखना, उल्टी व दस्त होना, चेस्ट में दर्द, श्वास लेने में तकलीफ होना, बीपी गिर जाना और कफ में से खून आना जैसे लक्षण प्रमुख हैं।
डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज माइक्राबायोलोजी लैब ने मंगलवार को एक मरीज को स्वाइन फ्लू होने की पुष्टि की है। वहीं इसी दिन ३ रोगी चिकनगुनिया के सामने आए। इस दिन डेंगू का एक भी रोगी नहीं आया।