कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ का गौर मारिया, त्रिपुरा का होजागिरी, ओडिशा के गौर, एमपी का गुडुमबाजा, हिमाचल का नाटी, गुजरात का डांगी, राजस्थान का गरासिया, उत्तराखंड का जौनसारी, तेलंगाना का लम्बाड़ी, महाराष्ट्र का सोंगी, लद्दाख का फ्लावर, जम्मू एन्ड कश्मीर का गोजरी व सिक्किम का तमांग शैलो नृत्यों ने धूम मचा दी। आरम्भ में अतिथियों का स्वागत अकादमी सचिव अनिल जैन व उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के सचिव जगजीतसिंह ने किया। अकादमी एवम पटियाला केंद्र के प्रभारी अधिकारी रमेश कंदोई व राजेश बस्सी ने प्रबन्धन किया। संचालन प्रमोद सिंघल व बिनाका जैश ने किया। समारोह में केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय की डायरेक्टर दीपिका पोकरणा विशेष रूप से मौजूद रहीं।
देश के 14 राज्यों के 250 कलाकारों ने जब एक साथ ग्रेंड फिनेले में Dance Fair नृत्य कौशल का जलवा दिखाया तो दर्शक अपनी जगहों पर खड़े होकर झूम उठे। राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के संयुक्त तत्वाधान में टाउन हॉल में आयोजित आदिवासी नृत्य कार्यक्रम के अंत में एकसाथ सभी राज्यों के लोक कलाकार ग्रेंड फिनेले में नृत्य प्रस्तुत किया तो लघु भारत की तस्वीर उभर कर आई। कार्यक्रम के अंतिम दिन विशेष बात यह थी कि हर प्रोग्राम के बीच मे कोई अंतराल नहीं था और दर्शक बस सांस थामे प्रोग्राम देखते रहे।