जगदीश प्रजापत (70) पुत्र छैलाराम प्रजापत ने बुधवार को अतिरिक्त जिला कलक्टर एमएल नेहरा को ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि वर्ष 2013 से उसके खाते में वृद्धावस्था पेंशन आ रही थी। करीब 2 वर्ष पूर्व इमित्र पर वेरीफिकेशन करवाने पर पता लगा कि रिकोर्ड में उसकेे मृत होने पर पेंशन रोक दी गई। इसके बाद वह पिछले दो वर्षो से पेंशन व जिला पंचायत भवन के चक्कर काट रहा है। सुनवाई नहीं होने पर गत 9 जनवरी को मुख्यमंत्री प्रकोष्ठ में शिकायत की। इसके बाद भी सुनवाई नहीं होने पर वृद्ध ने अतिरिक्त जिला कलक्टर एमएल नेहरा को शिकायत दर्ज करवाई। जहां से मामले की जांच लूणी बीडीओ के पास भेजी गई। जांच में पता लगा कि जगदीश नाम के अन्य व्यक्ति की मौत के कारण पेंशन रुक गई। इस दौरान जगदीश ने समय पर ई-मित्र पर वेरीफिकेशन नहीं करवाया। हालांकि जांच के बाद जगदीश के खाते में जनवरी माह की पेंशन जमा करा दी गई।
दो वर्ष नहीं मिली पेंशन
ऑनलाइन रिकॉर्ड में मृत बताने के कारण जगदीश प्रजापत को जून 2018 से दिसम्बर 2019 तक की हर माह मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन के 750 रुपए और प्रधानमंत्री किसान निधी योजना की एक वर्ष की 6 हजार रुपए की राशि नहीं मिल पाई।
ऑनलाइन रिकॉर्ड में मृत बताने के कारण जगदीश प्रजापत को जून 2018 से दिसम्बर 2019 तक की हर माह मिलने वाली वृद्धावस्था पेंशन के 750 रुपए और प्रधानमंत्री किसान निधी योजना की एक वर्ष की 6 हजार रुपए की राशि नहीं मिल पाई।
‘पीडि़त ने समय पर वेरिफिकेशन नहीं करवाया। इसी दौरान एक ही नाम के अन्य व्यक्ति की मौत के कारण त्रुटी से पेंशन बंद हो गई। अब उनके अकाउंट को अपडेट कर जनवरी माह की पेंशन जमा करा दी है।
मोहनलाल चौधरी, बीडीओ, लूणी