हर कोई फैसले को लेकर उत्सुक छात्रसंघ अध्यक्ष सुनील चौधरी अक्सर विवि में देखे जा रहे हैं। महासचिव बबलू सोलंकी को न कोई कार्यालय मिला और न ही विवि की किसी संस्था में कोई पद। वे भी भारी मन से दो-तीन बार कुलपति से मिले लेकिन कुलपति ने अपने अदांज में ‘शुभ-शुभ बोल भई’ का आश्वासन दे दिया। मूलसिंह भी प्रतिदिन कुलपति कार्यालय में पूछताछ करते रहते हैं कि आखिर उनका विरोध कहां तक जाएगा।
11 सितम्बर से शुरू हुआ सफर
जेएनवीयू में छात्रसंघ के लिए मतदान 10 अक्टूबर और मतगणना 11 अक्टूबर को हुई थी। एपेक्स अध्यक्ष पद पर 9 वोट से एनएसयूआइ के सुनील चौधरी को विजेता घोषित किया तब एबीवीपी प्रत्याशी मूल सिंह ने गायब हुए 33 मत, खारिज किए गए 568 मत सहित 20 बिंदुओं पर आपत्तियां दी थी। 22 सितम्बर को विवि की ग्रीवेंस कमेटी ने आपत्ति सुनकर नकल प्रकरण को लेकर मूलसिंह का नामांकन खारिज करने की सिफारिश की। तत्कालीन कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा ने मूल सिंह की अपील पर 13 अक्टूबर को अंतिम निर्णय करने की बात कही थी। लेकिन पांच दिन पहले नए कुलपति प्रो. चौहान आ गए। उन्होंने 11 अक्टूबर को ही अपील सुन ली, निर्णय का इंतजार है।
जेएनवीयू में छात्रसंघ के लिए मतदान 10 अक्टूबर और मतगणना 11 अक्टूबर को हुई थी। एपेक्स अध्यक्ष पद पर 9 वोट से एनएसयूआइ के सुनील चौधरी को विजेता घोषित किया तब एबीवीपी प्रत्याशी मूल सिंह ने गायब हुए 33 मत, खारिज किए गए 568 मत सहित 20 बिंदुओं पर आपत्तियां दी थी। 22 सितम्बर को विवि की ग्रीवेंस कमेटी ने आपत्ति सुनकर नकल प्रकरण को लेकर मूलसिंह का नामांकन खारिज करने की सिफारिश की। तत्कालीन कुलपति प्रो. राधेश्याम शर्मा ने मूल सिंह की अपील पर 13 अक्टूबर को अंतिम निर्णय करने की बात कही थी। लेकिन पांच दिन पहले नए कुलपति प्रो. चौहान आ गए। उन्होंने 11 अक्टूबर को ही अपील सुन ली, निर्णय का इंतजार है।
जल्द आएगा निर्णय
‘इस मामले में जल्द से जल्द निर्णय सुनाऊंगा। मुझे भी कुछ समय चाहिए। प्रो. गुलाबसिंह चौहान, कुलपति, जेएनवीयू जोधपुर
‘इस मामले में जल्द से जल्द निर्णय सुनाऊंगा। मुझे भी कुछ समय चाहिए। प्रो. गुलाबसिंह चौहान, कुलपति, जेएनवीयू जोधपुर