दरअसल, महाविद्यालय को 20 अप्रेल तक आवेदन जमा कर दूसरे दिन 21 अप्रेल को परीक्षा शुल्क का डीडी बनवाने के लिए कहा गया था। विलंब शुल्क सहित डीडी 25 अप्रेल तक बनवाया जाकर समस्त आवेदन पत्र 27 अप्रेल तक बीकानेर कार्यालय में जमा करवाने के निर्देश थे। जबकि शारीरिक महाविद्यालय ने अध्ययनरत प्रशिक्षणार्थियों के आवेदन पत्र प्राप्त कर प्रधानाचार्य की ओर से डीडी 30 अप्रेल को तैयार करवाए गए। यह आवेदन 1 मई को बीकानेर को प्रस्तुत किए गए, जिसको पंजीयक शिक्षा विभागीय परीक्षाएं बीकानेर ने गंभीर लापरवाही माना। अब विलंब शुल्क की राशि संबंधित कार्मिक से वसूलने के निर्देश दिए हैं। इस राशि के साथ अंतर राशि सहित डीडी भिजवाने को कहा है। दोषी कार्मिक का निर्धारण कर संबंधित के विरूद्ध नियमानुसार विभागीय कार्रवाई कर जांच करने के आदेश दिए हैं।
आखिर दोषी कौन
इस मामले में कॉलेज के जिम्मेदार अपना पल्ला झाड़ रहे है। वहीं अब सवाल यह पैदा हो रहा है कि आखिर दोषी कौन है। जबकि प्रभारी बिशनसिंह भाटी ने कहा कि बच्चों के कारण फीस में विलंब हुआ है। क्योंकि अधिकत्तर बच्चे ब्याह-शादी आयोजनों में लगे हुए थे।
इनका कहना है अंतिम तिथि 20 अप्रेल तक ब्याह-शादियों के कारण प्रशिक्षणार्थी नहीं आए थे। परीक्षा अभी जून में है। प्रशिक्षणार्थियों ने ही विलंब से शुल्क भरा। हमने तो नोटिस बोर्ड तक लगवा दिया था। इस मामले में उपनिदेशक प्रारंभिक से जांच की जाएगी। हम अपने तथ्य पेश कर देंगे।
– बिशनसिंह भाटी, प्रभारी, राजकीय शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय