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जोधपुर में टीकाकरण योजना पर इस मां ने उठाए सवाल, बच्चे को हो गई यह भयावह बीमारी

locationजोधपुरPublished: Sep 29, 2017 05:08:31 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

। एक बच्चे को टीका लगवाने के बावजूद गलघोंटू जैसी भयावह बीमारी हो गई।

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जोधपुर . चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की टीकाकरण की योजना पर सवालिया निशान लगने लगे हैं। जोधपुर में गलघोंटू (डिफ्थीरिया) बीमारी का एेसा मामला सामने आया कि हकीकत जानकर यकीन डगमगा जाएगा। एक बच्चे को टीका लगवाने के बावजूद गलघोंटू जैसी भयावह बीमारी हो गई।

सांगरिया निवासी बच्चे की मां बेबी ने बताया कि उसने ५ जून, २०१६ को पुत्र को जन्म दिया था। उसने बच्चे को सारे टीके लगवा दिए। उसने बच्चे का टीकाकरण का कार्ड भी बताया। इसमें की गई एंट्री के अनुसार बच्चे को डेढ़ माह, ढाई माह और साढ़े तीन माह में लगाए जाने वाले डीपीटी के तीनों टीके लगे हुए हैं। प्रसूता का कार्ड देख वार्ड चिकित्सक भी हैरान हैं।
उम्मेद अस्पताल भर्ती बाल रोगी

डेढ़ वर्षीय गलघोंटू बीमारी पीडि़त बच्चा इन दिनों उम्मेद अस्पताल के शिशु रोग विभाग के वार्ड में भर्ती है। आंकड़े पर नजर डालें तो जुलाई में कम से कम २१ गलघोंटू बीमारी के रोगी सामने आए हैं। इनमें से तीन की मौत हो चुकी है।
यह है जांच का विषय

टीका लगने के बाद भी कोई बीमारी हो जाती है, तो इससे वैक्सीन की दवा की गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगता है। यह जांच का विषय है कि कोल्ड चैन तो ब्रेक नहीं हुई, क्योंकि वैक्सीन को एक निश्चित तापमान पर रखना होता है। लाने-ले जाने में कोल्ड चैन ब्रेक हुई हो।
क्या है गलघोंटू

यह बीमारी एक से दूसरे बच्चे में फैलती है। गंभीर हालत में रोगी का बचना मुश्किल होता है। यह बीमारी कॉरीनेबैक्टेरियम डिफ्थीरिया बैक्टीरिया के इंफेक्शन से होती है। इसके बैक्‍टीरिया टांसिल व श्वास नली को सबसे ज्‍यादा संक्रमित करते हैं। सांस लेने में दिक्‍कत, गर्दन में सूजन, बुखार व खांसी इसके लक्षण हैं। इसका जीवाणु पीडि़त के मुंह, नाक और गले में रहता है।

इनका कहना

हमारे कोल्ड चैन में कोई गड़बड़ी नहीं है। जिस दिन स्वास्थ्य केन्द्र पर वैक्सीन जाते हैं, उसी दिन शाम को पुन: जमा होते है। ये पड़ताल का विषय है।


– डॉ. एचआर गोयल, आरसीएचओ
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