पेयजल आपूर्ति के लिए 178 लाख की मंजूरी
-निजी टाउनशिप में जलापूर्ति का मामला
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में शहर की एक निजी टाउनशिप पार्श्वनाथ सिटी में पेयजल उपलब्ध करवाने के मामले में सुनवाई हुई, जिस दौरान बताया गया कि जोधपुर विकास प्राधिकरण एवं डेवलपर्स संयुक्त रूप से बजट जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को हस्तांतरित करने पर रजामंद है।
न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ में पार्श्वनाथ सिटी के सभी नागरिकों की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान जेडीए की ओर से अधिवक्ता मनोज भंडारी ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर 16 दिसंबर को जेडीए और डेवलपर्स सहित पीएचईडी अधिकारियों के बीच बैठकें हुई हैं। पीएचईडी के पत्र के अनुसार दो हजार किलोलीटर ओवरहेड जलाशय के निर्माण की आवश्यकता है ताकि याचिकाकर्ता कॉलोनी यानी पार्श्वनाथ टाउनशिप सहित 300 हैक्टेयर भूमि में आस-पास बसी कॉलोनियों को लाभ मिल सके। जेडीए द्वारा डेवलपर के सहयोग से 178.99 लाख रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय मंजूरी दी गई है और उस बजट का एक हिस्सा शीघ्र ही पीएचईडी को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी।
-निजी टाउनशिप में जलापूर्ति का मामला
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट में शहर की एक निजी टाउनशिप पार्श्वनाथ सिटी में पेयजल उपलब्ध करवाने के मामले में सुनवाई हुई, जिस दौरान बताया गया कि जोधपुर विकास प्राधिकरण एवं डेवलपर्स संयुक्त रूप से बजट जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को हस्तांतरित करने पर रजामंद है।
न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ में पार्श्वनाथ सिटी के सभी नागरिकों की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान जेडीए की ओर से अधिवक्ता मनोज भंडारी ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर 16 दिसंबर को जेडीए और डेवलपर्स सहित पीएचईडी अधिकारियों के बीच बैठकें हुई हैं। पीएचईडी के पत्र के अनुसार दो हजार किलोलीटर ओवरहेड जलाशय के निर्माण की आवश्यकता है ताकि याचिकाकर्ता कॉलोनी यानी पार्श्वनाथ टाउनशिप सहित 300 हैक्टेयर भूमि में आस-पास बसी कॉलोनियों को लाभ मिल सके। जेडीए द्वारा डेवलपर के सहयोग से 178.99 लाख रुपए की प्रशासनिक एवं वित्तीय मंजूरी दी गई है और उस बजट का एक हिस्सा शीघ्र ही पीएचईडी को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। अगली सुनवाई 22 फरवरी को होगी।
रोहिला कलां में अवैध खनन का सेटेलाइट सर्वे करवाने के निर्देश
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर शहर से सटे रोहिला कलां गांव में पहाडिय़ों पर बड़े पैमाने पर कथित अवैध खनन को गंभीरता से लेते हुए जिला कलक्टर जोधपुर को खसरा संख्या 556 का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सहायता से सेटेलाइट सर्वे करवाने के निर्देश दिए हैं। यह सर्वे बंद लिफाफे में कोर्ट के समक्ष पेश करना होगा।
न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ में रोहिला कलां के ग्रामीणों की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कहा कि रोहिला कलां में पहाडिय़ों पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। निजी लोगों के पक्ष में खसरा संख्या 556 में से 62.10 बीघा भूमि पर खनन पट्टे दिए गए हैं, लेकिन वास्तव में लगभग 1200 बीघा भूमि पर इन खनन पट्टों की आड़ में अवैध खनन कार्य किए जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अवैध खनन कार्यों के संबंध में दर्ज शिकायतों पर संबंधित क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद खनन अभियंता द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट पेश की गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अवैध खनन किया जा रहा है और कुछ पोकलेन मशीनें आदि जब्त की गईं। हालांकि, रिपोर्ट में अवैध खनन कार्यों के वास्तविक क्षेत्रफल का उल्लेख नहीं है। इसे देखते हुए कोर्ट ने सेटेलाइट सर्वे करवाने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी।
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर शहर से सटे रोहिला कलां गांव में पहाडिय़ों पर बड़े पैमाने पर कथित अवैध खनन को गंभीरता से लेते हुए जिला कलक्टर जोधपुर को खसरा संख्या 556 का भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की सहायता से सेटेलाइट सर्वे करवाने के निर्देश दिए हैं। यह सर्वे बंद लिफाफे में कोर्ट के समक्ष पेश करना होगा।
न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश विनोद कुमार भारवानी की खंडपीठ में रोहिला कलां के ग्रामीणों की ओर से दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मोतीसिंह राजपुरोहित ने कहा कि रोहिला कलां में पहाडिय़ों पर बड़े पैमाने पर अवैध खनन किया जा रहा है। निजी लोगों के पक्ष में खसरा संख्या 556 में से 62.10 बीघा भूमि पर खनन पट्टे दिए गए हैं, लेकिन वास्तव में लगभग 1200 बीघा भूमि पर इन खनन पट्टों की आड़ में अवैध खनन कार्य किए जा रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से अवैध खनन कार्यों के संबंध में दर्ज शिकायतों पर संबंधित क्षेत्र का निरीक्षण करने के बाद खनन अभियंता द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट पेश की गई है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि अवैध खनन किया जा रहा है और कुछ पोकलेन मशीनें आदि जब्त की गईं। हालांकि, रिपोर्ट में अवैध खनन कार्यों के वास्तविक क्षेत्रफल का उल्लेख नहीं है। इसे देखते हुए कोर्ट ने सेटेलाइट सर्वे करवाने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई 21 फरवरी को होगी।