मच्छरजनित इन बीमारियों के कारणों गांवों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, सैटेलाइट, जिला व मेडिकल कॉलेज संबंद्ध अस्पतालों के मेडिसिन आउटडोर मरीजों से खचाखच भर गए है। ज्यादात्तर जोधपुर में मरीजों को बुखार जोड़ के दर्द से आ रहा है। लोगों की तबीयत खराब होने के साथ ही चिकित्सकों को भी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगहों पर
संसाधनों की कमी के कारण चिकित्सालय प्रबंधन को भी छींके आ रही हैं तो कहीं लोगों की अनभिज्ञता उनकी ही जान पर मुसीबत बनने लगी है। सर्दियां आने के साथ ही बीमारियों के बढऩे की आशंका भी बढऩे लगी है।
संसाधनों की कमी के कारण चिकित्सालय प्रबंधन को भी छींके आ रही हैं तो कहीं लोगों की अनभिज्ञता उनकी ही जान पर मुसीबत बनने लगी है। सर्दियां आने के साथ ही बीमारियों के बढऩे की आशंका भी बढऩे लगी है।
चिकनगुनिया के लक्षण शरीर में आने के बाद 2 से 4 दिन का समय फैलने में लगता है। रोग के लक्षणों मे 102.2 डिग्री तक का ज्वर धड़ और फि र हाथों पैरों पर चकते बन जाते हैं। शरीर के जोड़ों में पीड़ा होती है। इसके अलावा सिरदर्द, प्रकाश से भय लगना व आंख की पीड़ा शामिल है। यह रोग एडिस प्रजाति के मच्छर फैलाते हैं।
इनका कहना
एनाफिलिज मच्छर गंदे पानी में होता है। इसमें मलेरिया के मच्छर होते है। यह सामान्यत रात को काटते है। एडीज प्रजाति के मच्छर चिकनगुनिया व डेंगू दोनों बीमारी फैलाते हैं। ये साफ पानी में पनपते हैं। दिन में काटते हैं। इसमें मरीज को तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। इन दिनों मेडिसिन की आउटडोर में एक तिहाई मरीज डेंगू-चिकनगुनिया बीमारी के आ रहे हैं।
एनाफिलिज मच्छर गंदे पानी में होता है। इसमें मलेरिया के मच्छर होते है। यह सामान्यत रात को काटते है। एडीज प्रजाति के मच्छर चिकनगुनिया व डेंगू दोनों बीमारी फैलाते हैं। ये साफ पानी में पनपते हैं। दिन में काटते हैं। इसमें मरीज को तुरंत चिकित्सकीय परामर्श लेना चाहिए। इन दिनों मेडिसिन की आउटडोर में एक तिहाई मरीज डेंगू-चिकनगुनिया बीमारी के आ रहे हैं।
– डॉ. आलोक गुप्ता, वरिष्ठ आचार्य, मेडिसिन विभाग