— सेवानिवृत्ति नजदीक होने के कारण घर नहीं छोडऩा चाहते जिन शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति सामान्य वर्ग में 1991-92 में, एससी वर्ग में 1995-96 व एसटी वर्ग में 1998-99 में हुई थी, उन्हें अब तृतीय श्रेणी से द्वितीय श्रेणी में पदोन्नत किया गया है। अधिकतर शिक्षकों ने वेतनमान संबंधी 9,18 व 27 वर्ष का परिलाभ भी ले लिया। ऐसे में उन्होंने अब किसी प्रकार का परिलाभ नहीं मिलने के कारण पदोन्नति का परित्याग किया। साथ ही, पदोन्नत होने वाले अधिकांश शारीरिक शिक्षक सेवानिवृत्ति नजदीक होने के कारण भी घर नहीं छोडऩा चाहते है।
— रिक्तियां नहीं दर्शाने पर जताया विरोध काउंसलिंग के दौरान जोधपुर शहर के स्कूलों की रिक्तियां नहीं दर्शाने पर शारीरिक शिक्षकों ने नारेबाजी कर संयुक्त निदेशक के सामने विरोध जताया और सभी रिक्तियां दर्शाने की मांग की। शारीरिक शिक्षक लंबे समय से मांग करते रहे हैं कि शिक्षकों की भांति शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति प्रतिवर्ष की जाए और पद नहीं भरे जाने की स्थिति में डीपीसीपी जल्द करवाई जाए ताकि परित्याग के कारण रिक्त पड़े पदों को समय पर भरा जा सके।
— इनका कहना है शारीरिक शिक्षकों को प्रमोशन के वेतन संबंधी लाभ मिल चुके है, वर्तमान पदस्थापित जगह नहीं छोडऩे व अन्य निजी कारणों के कारण काउंसलिंग में कम शारीरिक शिक्षक आए। काउंसलिंग में गांवों में पदों की रिक्तियों को ही दर्शाने के निर्देश थे।
प्रेमचंद सांखला, संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा मण्डल जोधपुर — सरकारें शारीरिक शिक्षकों की पदोन्नति समय पर और प्रतिवर्ष करें ताकि शारीरिक शिक्षकों को आर्थिक लाभ और सम्मान मिले। हापूराम चौधरी, प्रदेशाध्यक्ष
राजस्थान शारीरिक शिक्षक संघ —