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जोधपुर

पेट की समस्याओं को न करें नजरअंदाज हो सकता है कैंसर !

-अंडाशय के कैंसर की हो सकती है शुरुआतJodhpur Aiims News

जोधपुरFeb 23, 2020 / 08:59 pm

Arvind Singh Rajpurohit

पेट की समस्याओं को न करें नजरअंदाज हो सकता है कैंसर !

पेट की समस्याओं को न करें नजरअंदाज हो सकता है कैंसर !

जोधपुर. आमतौर पर महिलाए पेट फूलने या खाना नहीं पचने की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेती है, लेकिन यदि आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो तुरंत चिकित्सक के पास जाने की जरूरत है। क्योंकि यह अंडाशय के कैंसर की शुरुआत हो सकती है। उक्त जानकारी अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में आयोजित दो दिवसीय प्रथम राजस्थान स्टेट चैप्टर कांफ्रेंस ऑफ एसोसिएशन ऑफ गायनोकॉलिजक ओंकोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया की राज-एजिकॉन 2020 की ‘ फ्रॉम कंवेंशनल टू एक्प्रीमेंटल ’ थीम पर आधारित कांफ्रेंस में विशेषज्ञों ने दी। कांफ्रेंस का समापन रविवार को हुआ। जिसमें शिरकत करने आए विशेषज्ञों ने सवाईकल कैंसर, बच्चेदानी के मूंह के कैंसर आदि के बारे में व्याख्यान दिया।
40 से अधिक उम्र की महिलाएं कराएं जांच
एम्स गायनी विभाग की एचओडी डॉ. प्रतिभासिंह ने कहा कि इस तरह की स्थिति में महिलाओं को चाहिए कि वह तुरंत अल्ट्रासाउंड करवाएं व एक्सपर्ट डॉक्टर को दिखाएं।
खासतौर पर यदि महिला की उम्र चालीस से अधिक है तो सोनोग्राफी व अन्य बल्ड टेस्ट जरूर करवाएं। साथ ही कहा कि सर्वाइकल के कैंसर जब तक एडवांस स्टेज में नहीं पहुंच जाता तब तक उसका पता नहीं लगता। लेकिन शुरुआती स्टेज में पता चलने पर इसका इलाज संभव है।
इसलिए 21 की उम्र के बाद महिलाओं को दो से तीन वर्ष में चैकअप अवश्य करवाना चाहिए। इस अवसर पर दूरबीन के माध्यम से बच्चेदानी के कैंसर का इलाज कैसे करें इस पर भी बताया गया।
इन्होंने लिया हिस्सा

कार्यशाला में बैंगलूरू से आए डॉ. विजय आहुजा, मुम्बई की अमिता माहेश्वरी, नई दिल्ली से डॉ. शालिनी राजाराम, डॉ. रमा जोशी, डॉ. आभा देसाई, डॉ. अनुपमा, पूणे से डॉ.रानू पाटनी, डॉ. वीना आचार्य, डॉ. अंशु पटोदिया, उदयपुर से डॉ. मधुबाला चौहान, डां. संचिता दशोरे सहित राजस्थान के विभिन्न सरकारी कॉलेजों से आए पीजी स्टूडेंट ने हिस्सा लिया।

इस अवसर पर पेपर व पोस्टर प्रजेंटेशन भी आयोजित किया गया। इससे पूर्व क्विज प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए स्क्रीनिंग टेस्ट का आयोजन हुआ। जिसमें एम्स की टीम प्रथम, उम्मेद हॉस्पीटल की टीम द्वितीय व कोटा हॉस्पीटल की टीम तीसरे स्थान पर रही।
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