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चिकित्सकों की हड़ताल से वेंटिलेटर पर आ गए जोधपुर के अस्पताल, मरीजों की जान हुई हलकान

locationजोधपुरPublished: Dec 18, 2017 02:00:18 pm

Submitted by:

Abhishek Bissa

एमडीएम, एमजीएच और उम्मेद अस्पतालों में सीनियर डॉक्टर्स के भरोसे रही व्यवस्थाएं
 

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जोधपुर . अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अड़े सेवारत चिकित्सक और मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट डॉक्टर्स सोमवार से कार्य पर नहीं आए। इस दौरान गांवों के स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर शहर के स्वास्थ्य केन्द्र, सैटेलाइट, जिला व मेडिकल कॉलेज संबंद्ध अस्पतालों में हालात बिगड़ते नजर आए। उधर, डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रशासन ने भी संबंद्ध अस्पतालों को व्यवस्थाएं बनाने के लिए निर्देशित किया है। वहीं गांवों के स्वास्थ्य केन्द्रों पर डॉक्टरों की गिरफ्तारियों के बाद कई जगह पर सेवारत चिकित्सक गत दिनों से काम पर नहीं आ रहे हैं। हड़ताल का सर्वाधिक असर गांवों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर देखा जा रहा है।
सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल के कारण ८५ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, २५ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द, ३० शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर व्यवस्थाएं बिगड़ेगी। इसके अलावा जोधपुर शहर के जिला व सैटेलाइट अस्पतालों में भी सेवारत चिकित्सकों की हड़ताल का असर देखा जाएगा। वहीं डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज संबंद्ध मथुरादास माथुर अस्पताल, महात्मा गांधी अस्पताल और उम्मेद अस्पताल में रेजीडेंट चिकित्सकों की हड़ताल के कारण व्यवस्था पूर्ण रूप से वेंटिलेटर पर रहेगी। यहां सोमवार सुबह ८ बजे से रेजीडेंट डॉक्टर्स काम छोड़ देंगे। एमजीएच अधीक्षक डॉ. पीसी व्यास, एमडीएमएच अधीक्षक डॉ. शैतानसिंह राठौड़ और उम्मेद अस्पताल अधीक्षक डॉ. रंजना देसाई ने बताया कि सभी सीनियर्स डॉक्टर्स को व्यवस्थार्थ पर लगा दिया गया हैं। हालात पूर्ण रूप से नियंत्रण में रहेंगे। इसके अलावा इन अस्पतालों में प्लान छोटे-बड़े ऑपरेशन टाले जाएंगे। जिले के कई ग्रामीण इलाकों मसलन फलोदी, लोहावट, बिलाड़ा, भोपालगढ़, लूणी, मथानिया और बाप आदि क्षेत्रों में ग्रामीणों को बेजा परेशानी हुई।
पिछली बार हड़ताल के दौरान हुई ५५ मौत


गत माह ८ से १२ नवंबर तक डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के रेजीडेंट चिकित्सक हड़ताल पर रहे थे। इस दौरान मथुरादास माथुर, उम्मेद और गांधी अस्पताल में कुल ५५ मौतें हुई थीं। हालांकि यह सभी मौतें हड़ताल के दौरान हुई थीं। आंकड़ों के अनुसार एमडीएमएच में ३३, एमजीएच में ९ और उम्मेद में कुल १३ मौतें हुईं थीं।
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