scriptपंद्रह हजार रुपए देकर डोडा पोस्त तस्करी के लिए चोरी कराई थी बाल वाहिनी बस | Doda poppy was stolen for child smuggling by giving fifteen thousand r | Patrika News

पंद्रह हजार रुपए देकर डोडा पोस्त तस्करी के लिए चोरी कराई थी बाल वाहिनी बस

locationजोधपुरPublished: Sep 22, 2019 11:56:32 pm

Submitted by:

Vikas Choudhary

– विद्यालय परिसर से बस चुराकर जलाने का मामला, पांच गिरफ्तार- स्कूल से बस हटाने की रंजिश में बस मालिक ने सुपारी देकर चोरी कराई थी बस

पंद्रह हजार रुपए देकर डोडा पोस्त तस्करी के लिए चोरी कराई थी बाल वाहिनी बस

पंद्रह हजार रुपए देकर डोडा पोस्त तस्करी के लिए चोरी कराई थी बाल वाहिनी बस

जोधपुर.
बोरानाडा थाना पुलिस ने निजी विद्यालय परिसर में खड़ी बाल वाहिनी बस चुराने के बाद आग लगा खेत के पास लावारिस छोडऩे के मामले का पर्दाफाश कर रविवाद को पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया। विद्यालय से एक अन्य बस हटाए जाने से गुस्साए बस मालिक ने विद्यालय में बतौर चालक कार्यरत भतीजे के साथ साजिश रच बस डोडा पोस्त तस्करी में उपयोग के लिए पन्द्रह हजार रुपए की सुपारी देकर चोरी करवाई थी।
थानाधिकारी राजूराम बामणिया के अनुसार प्रकरण में भाण्डू खुर्द निवासी बगताराम (३८) पुत्र हनुमानराम जाट, उसका भतीजा अशोक (२४) पुत्र कालूराम जाट, धांधिया में विष्णुनगर निवासी सुभाष (२२) पुत्र मांगीलाल बिश्नोई, लूनी निवासी माधुराम (२१) पुत्र देदाराम सरगरा और देचू थानान्तर्गत सगरा निवासी रावलसिंह (२१) पुत्र पूनमसिंह को गिरफ्तार किया गया है। कार्रवाई में एएसआई नारायणसिंह, हेड कांस्टेबल ओपाराम, कांस्टेबल सोमताराम, मुकेश, सवाईसिंह व मुन्नाराम शामिल थे।
पेट्रोल डालकर जलाई थी बस
सरेचा गांव मोगड़ा रोड पर शनिवार सुबह चोरी की बस जली हालत में मिली थी। सीसीटीवी फुटेज व संदिग्धों की जांच में सामने आया कि विद्यालय बगताराम जाट की बस भी लगी हुई थी, लेकिन तीन माह पहले ही संचालक ने हटा दी थी। इससे वह रंजिश पाले हुए था। उसने स्कूल में बस चलाने वाले अपने भतीजे के साथ मिलकर साजिश रची। बस चुराकर डोडा पोस्त तस्करी में उपयोग लेने के लिए सुभाष बिश्नोई को तैयार किया। उसे बतौर सुपारी १५ हजार रुपए भी दिए गए। सुभाष अपने दोस्त रावलसिंह व माधुराम के साथ शुक्रवार सुबह मोटरसाइकिल पर स्कूल पहुंचा था, जहां उसने चालक अशोक की मदद से बस चुरा ली। फिर बस को गुड़ा बिश्नोइयान गांव के पास झाडि़यों में छुपा दी थी। फिर बगताराम को सूचना दे दी थी। उधर, स्कूल की छुट्टी होने पर बस नहीं मिली तो पुलिस को सूचना देकर नाकाबंदी कराई गई थी। बगताराम विद्यालय संचालक व पुलिस की गतिविधियों पर नजर रखने लगा। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज चेक करने शुरू किए तो आरोपी भी घबरा गए। साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से उन्होंने झाडि़यों से बस निकाली और सरेचा गांव में लाकर खड़ी कर दी थी, जहां बस पर पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी।
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