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कोरोना लॉक डाउन में घरेलू बिल्लियों की आई शामत

locationजोधपुरPublished: Jun 20, 2021 12:41:07 pm

Submitted by:

Nandkishor Sharma

 
जोधपुर में पिछले एक दशक में आधी हो गई घरेलू बिल्लियां

कोरोना लॉक डाउन में घरेलू बिल्लियों की आई शामत

कोरोना लॉक डाउन में घरेलू बिल्लियों की आई शामत

NAND KISHORE SARASWAT

जोधपुर. फसल को नुकसान पहुंचाने वाले चूहे, सांप, कॉकरोच, छिपकली आदि जीव जंतुओं का संतुलन बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली घरेलु बिल्लियों की कोरोना लॉकडाउन में शामत आ गई है। चुपके से घरों में घुसकर दूध मलाई उड़ाने वाली और नटखट अठखेलियों से बच्चों का दिल जीतने वाली ‘बिल्ली मौसीÓ को कोरोना लॉकडाउन में बंद घरों से मिलने वाले भोजन की कमी और सड़कों पर श्वानों के हमलों के कारण शामत आ गई है। कई बार सड़क दुर्घटनाओं और श्वारों के समूह के हमलों के कारण घरेलु बिल्लियों की संख्या में लगातार घट रही है। जंगलों व रेगिस्तान में विचरण करने वाली जंगली और मरुबिल्ली कभी भी रिहायशी क्षेत्र में विचरण नहीं करती है। कुछ पशुप्रेमी लोग बिल्लियों को घरों पाल कर इनका संरक्षण भी कर रहे है।
इसीलिए होती है चमकदार आंखे

बिल्ली प्रजाति के सभी जानवरों की आंखों में प्रकाश की किरण किसी भी आकृति के रूप में प्रवेश करती है तब आंखों में दर्पणनुमा झिल्ली टेप्टम लुसिडम नामक परत से टकराने के कारण ज्यादा चमकदार हो जाती है। इंसानों में और बंदरों में यह झिल्ली नहीं पाई जाती है।
आश्रय स्थल कम होने से अस्तित्व पर संकट

जैव संतुलन में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली घरेलु बिल्लियों के प्रमुख आश्रय स्थल माने जाने वाले घरों के निर्माण में तेजी से आ रहे बदलाव के कारण अस्तित्व पर संकट आने लगा है। घरों की छतों पर छापर के कमरे ,ओरे आदि अस्तित्व में नहीं होने और पूरा घर कवर होने से कम नजर आने लगी है। तीन पीढिय़ों से बिल्ली को पालने के शौकिन मधुबन क्षेत्र निवासी राजीव पुरोहित ने बताया कि उन्हें बिल्लियों से बड़ा लगाव हैं और जीवों को सह अस्तित्व का हिस्सा मानते हैं । वर्तमान में उनके घर में बिल्ली अपने परिवार के साथ है।
आधी रह गई संख्या

हर तीसरे घर-गली मोहल्लों में नजर आने वाली घरेलू बिल्लियों की संख्या में विगत एक दशक में 50 प्रतिशत तक कमी आई हैं। इसका कारण अंधविश्वास और आश्रय स्थलों की कमी और भोजन ना मिलना भी है। परकोटे के भीतरी शहर नवचौकिया, गुन्दी,मोहल्ला, ब्रह्मपुरी, सिटी पुलिस , भीमजी का मोहहल्ला में कम संख्या में नजर आती है।
-शरद पुरोहित, पक्षी व्यवहार विशेषज्ञ

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