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कोरोनाकाल में घरेलू हिंसा बढ़ी, संभली की ट्रोल फ्री हेल्पलाइन बनी मददगार

locationजोधपुरPublished: Dec 24, 2020 12:02:11 am

Submitted by:

Avinash Kewaliya

कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है। महिलाओं के विपरित विशेष रूप से एक माहौल बना है। महिलाओं के प्रति हिंसा, विशेष रूप से घरेलु हिंसा की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि दजऱ् की गई।

कोरोनाकाल में घरेलू हिंसा बढ़ी, संभली की ट्रोल फ्री हेल्पलाइन बनी मददगार

कोरोनाकाल में घरेलू हिंसा बढ़ी, संभली की ट्रोल फ्री हेल्पलाइन बनी मददगार

जोधपुर. कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है। महिलाओं के विपरित विशेष रूप से एक माहौल बना है। महिलाओं के प्रति हिंसा, विशेष रूप से घरेलु हिंसा की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि दजऱ् की गई। महिला उत्थान के लिए काम कर रहे संभली ट्रस्ट में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। संभली निर्भया हेल्पलाइन पर शिकायतों में बेतहाशा वृद्धि हुई। इसीलिए महिला अधिवक्ता और साइकोलॉजिस्ट का एक पैनल बना महिलाओं की मदद की जा रही है। ट्रस्ट के प्रबंधक ट्रस्टी गोविंद सिंह के अनुसार 1 अक्टूबर को एक टोल फ्री नंबर 18001200020 के जरिये महिलाओं को एक पैनल के रूप में मदद की जा रही है। गोविंदसिंह ने बताया कि इस टोल फ्री नंबर पर किसी भी हिंसा, शोषण अथवा उत्पीडऩ की शिकार महिला संपर्क कर सकती है।
170 लोगों ने हेल्पलाइन में मांगी मदद
कोरोनाकाल में घरेलू हिंसा बढ़ी, संभली की ट्रोल फ्री हेल्पलाइन बनी मददगार

जोधपुर. कोरोना महामारी ने पूरे विश्व को प्रभावित किया है। महिलाओं के विपरित विशेष रूप से एक माहौल बना है। महिलाओं के प्रति हिंसा, विशेष रूप से घरेलु हिंसा की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि दजऱ् की गई। महिला उत्थान के लिए काम कर रहे संभली ट्रस्ट में भी ऐसे मामले सामने आए हैं। संभली निर्भया हेल्पलाइन पर शिकायतों में बेतहाशा वृद्धि हुई। इसीलिए महिला अधिवक्ता और साइकोलॉजिस्ट का एक पैनल बना महिलाओं की मदद की जा रही है। ट्रस्ट के प्रबंधक ट्रस्टी गोविंद सिंह के अनुसार 1 अक्टूबर को एक टोल फ्री नंबर 18001200020 के जरिये महिलाओं को एक पैनल के रूप में मदद की जा रही है। गोविंदसिंह ने बताया कि इस टोल फ्री नंबर पर किसी भी हिंसा, शोषण अथवा उत्पीडऩ की शिकार महिला संपर्क कर सकती है।
170 लोगों ने हेल्पलाइन में मांगी मदद
उन्होंने बताया कि अक्टूबर और नवम्बर माह में ही 170 के करीब महिलाओं ने देश के विभिन्न भागों से इन विशेषज्ञों से हेल्पलाइन के ज़रिए सहायता के लिए संपर्क किया है। कुल शिकायतों मे आधे से ज्यादा मामले घरेलू हिंसा के थे। मनोवैज्ञानिक अभिलाषा, जो इन पीडि़त महिलाओं को भावनात्मक प्रोत्साहन देती हैं, बताती हैं कि ऐसी महिलाएं बहुत डरी हुई और निराश होकर सम्पर्क कर रही हैं। कानूनी विशेषज्ञ शिवानी ने बताया कि महिलाएं एक ऐसे माहौल में रहने और सहने को विवश होती हैं जहां से वे अपनी पीड़ा किसी को नहीं बता सकती।
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