आयुर्वेद का ड्रग कन्ट्रोलर, निरीक्षक व फार्मासिस्ट को जेल भेजा
जोधपुरPublished: Jul 04, 2019 05:30:44 pm
– लाइसेंस नवीनीकरण करने की एवज में दो लाख रुपए रिश्वत मांगकर पच्चीस हजार रिश्वत लेने का मामला
आयुर्वेद का ड्रग कन्ट्रोलर, निरीक्षक व फार्मासिस्ट को जेल भेजा
जोधपुर.
फार्मा दुकान का लोन लाइसेंस नवीनीकरण करने की एवज में दो लाख दो हजार रुपए बतौर रिश्वत मांग पच्चीस हजार रुपए लेने के मामले में गिरफ्तार आयुर्वेद विभाग के निरीक्षक व निजी फार्मास्टि और एक लाख रुपए जयपुर पहुंचाने की सहमति देने पर गिरफ्तार ड्रग कन्ट्रोलर सुरेश शर्मा को गुरुवार को जेल भेज दिया गया।
ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र चौधरी के अनुसार प्रकरण में गिरफ्तार आयुर्वेद विभाग के ड्रग कन्ट्रोलर जयपुर में हाथोज निवासी सुरेश शर्मा, जोधपुर में निरीक्षक इंदिवर भारद्वाज व निजी फार्मासिस्ट इन्द्र कुमार को एसीबी मामलात की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए गए।
गौरतलब है कि उम्मेद हैरिटेज निवासी श्रवण डागा ने फार्मा दुकान का लोन लाइसेंस नवीनीकरण कराने के लिए आवेदन कर रखा है। इसके लिए ड्रग कन्ट्रोलर ने १.५१ लाख रुपए व निरीक्षक ने ५१ हजार रुपए रिश्वत मांगी थी। यह शिकायत उसने एसीबी से कर दी। गोपनीय सत्यापन में पुष्टि हुई। रिश्वत राशि देने के लिए वह डीपीएस बाइपास पर आशापूर्णा सिटी निवासी इंदिवर के घर गया था, जहां उसने ५१ हजार रुपए में से इंदिवर को पच्चीस हजार रुपए दिए। १.५१ लाख रुपए में से एक लाख रुपए वह ड्रग कन्ट्रोलर सुरेश शर्मा को देने लगा तो उसने यह राशि जयपुर पहुंचाने की सहमति दी थी। तभी ब्यूरो के वहां पहुंचते ही निरीक्षक ने रिश्वत राशि वहां मौजूद निजी फार्मासिस्ट इन्द्र कुमार को दे दिए थे। ब्यूरो ने उसके अण्डरग्रारमेंट्स से रिश्वत राशि बरामद कर इन्द्र कुमार व इंदिवर को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। एक लाख रुपए जयपुर पहुंचाने को कहने वाले ड्रग कन्ट्रोलर सुरेश को भी गिरफ्तार किया गया था।
निरीक्षक के पास ढाई करोड़ के दो मकान, प्लॉट व कार
ब्यूरो ने आयुर्वेद विभाग में निरीक्षक इंदिवर के मकान की सघन तलाशी ली थी। उसके पास आशापूर्णा सिटी के अलावा एक अन्य मकान भी है। जो करीब ढाई करोड़ रुपए के बताए जाते हैं। इसके अलावा एक कार, कुछ भूखण्ड व बैंक खाते होने का भी पता लगा है। वहीं, जयपुर में ड्रग कन्ट्रोलर के मकान की तलाशी में तीन लाख रुपए व संबंधी कागजात मिले थे। इनकी जांच के बाद आय से अधिक सम्पत्ति का आंकलन हो पाएगा।