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निर्यातकों के लिए मददगार बना इसीजीसी, तीन साल में 28 व्यवसायियों को दिलाई विदेशों में फंसी पूंजी

locationजोधपुरPublished: Aug 23, 2019 02:33:19 pm

Submitted by:

Harshwardhan bhati

केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीन 1957 में स्थापित इसीजीसी निर्यातकों को निर्यात क्रेडिट इंश्योरेंस और गारंटी सुविधा देता है। जोधपुर में इसकी ब्रांच 2003 में खुली थी। उस समय इसके 30 क्लाइंट थे जो अब 500 से ज्यादा हो गए हैं। इनमें 400 से ज्यादा हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक हैं।

ECGC is helpful for exporters

निर्यातकों के लिए मददगार बना इसीजीसी, तीन साल में 28 व्यवसायियों को दिलाई विदेशों में फंसी पूंजी

अमित दवे/जोधपुर. विश्वव्यापी मंदी के दौर में एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (इसीजीसी) ने पिछले तीन साल में 28 निर्यातकों को विदेशों में फंसे करोड़ों रुपए दिलाने में मदद की है। इसीका नतीजा है कि इसीजीसी पर हैण्डीक्राफ्ट निर्यातकों का भरोसा बढ़ा है। निर्यातकों को कई बार निर्यात किए माल का पेमेंट नही मिल पाता। कभी कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो कभी बायर किसी परिस्थिति के चलते माल लेने से इनकार कर देता है और निर्यातकों को अपना पैसा डूबता नजर आता है। लेकिन इसीजीसी से क्रेडिट गारंटी लेने के बाद निर्यातक निश्चिंत हो सकते हैं कि उनका पैसा डूबेगा नही।
2003 में खुली जोधपुर ब्रांच

केन्द्रीय वाणिज्य मंत्रालय के अधीन 1957 में स्थापित इसीजीसी निर्यातकों को निर्यात क्रेडिट इंश्योरेंस और गारंटी सुविधा देता है। जोधपुर में इसकी ब्रांच 2003 में खुली थी। उस समय इसके 30 क्लाइंट थे जो अब 500 से ज्यादा हो गए हैं। इनमें 400 से ज्यादा हैण्डीक्राफ्ट निर्यातक हैं।
निर्यातकों की पंूजी सुरक्षित

पिछले 3-4 सालों में निर्यातकों का इसीजीसी पर भरोसा बढ़ा है। इससे उनकी पंूजी सुरक्षित हो गई है। बायर कंपनी दिवालिया होने की स्थिति में पॉलिसी के अनुसार 80 से 90 प्रतिशत तक भुगतान किया जाता है। माल स्वीकार नहीं करने या तो माल को वहीं सस्ता बेचने की सलाह दी जाती है और नुकसान इसीजीसी वहन करती है या फि र लौटाने का सारा खर्चा दिया जाता है।
इसीजीसी देता है बायर्स की गारंटी

इसीजीसी जोधपुर ब्रांच के कार्यकारी अधिकारी नवलकिशोर वैष्णव के अनुसार बायर कई निर्यातकों को बायर से पेमेंट लेने में काफी परेशानी होती है। यदि बायर भेजा हुआ माल नहीं लेता तो उसे वापस लाना भी काफ ी खर्चीला होता है। जनरल इंश्योरेंस कमोडिटी बीमा करता है लेकिन वह फि जिकल लॉस से संबंधित होता है। माल बेचने के बाद पेमेंट नहीं आने या कन्साइनमेंट पूरा नहीं होने पर जनरल इंश्योरेंस की कोई जिम्मेदारी नहीं होती। इसीजीसी निर्यातकों को बायर्स की गारंटी देता है ताकि ऐसी स्थिति में निर्यातकों का पैसा नही रुके।

पिछले तीन वर्ष की स्थिति

वर्ष—- निर्यातक—- राशि दिलाई
2016-17—11—– 1.58 करोड रुपए
2017-18—09—- 1.49 करोड रुपए
2018-19—08—- 72.50 लाख रुपए

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