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हाईकोर्ट की चेतावनी का असर, जेएनवीयू ने सड़क विस्तार के लिए दी अनापत्ति

locationजोधपुरPublished: Aug 06, 2019 09:58:24 pm

Submitted by:

yamuna soni

-सेना ने फिर दोहराया – स्थानीय स्तर पर नहीं दी जा सकती रिंग रोड की अनुमति

Efect of High court's warning, JNVU gives clearance for road extension

हाईकोर्ट की चेतावनी का असर, जेएनवीयू ने सड़क विस्तार के लिए दी अनापत्ति

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (rajasthan highcourt) की ओर से अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की चेतावनी के बाद जयनारायण व्यास यूनिवर्सिटी (jainarayan vyas university) ने मंगलवार को महेन्द्रनाथ अरोड़ा सर्किल से पीली टंकी (भगत की कोठी) तक सड़क चौड़ी करने की योजना के लिए अनापत्ति देने की जानकारी दी।
वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश पीके लोहरा की खंडपीठ में रवि लोढ़ा की ओर से दायर अवमानना याचिका की सुनवाई के दौरान यूनिवर्सिटी के अधिवक्ता राजेश पंवार ने अनापत्ति का पत्र पेश किया।
पत्र में यह भी उल्लेख है कि यह अनापत्ति सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर करने के निर्णय के अध्यधीन रहेगी।

याची के अधिवक्ता अशोक छंगाणी ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब पूर्व में यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने खुद ने ही सहमति दी थी, तब एसएलपी दायर करने पर विचार का मामला कहां से आया।
सुनवाई के दौरान बताया गया कि जोधपुर विकास प्राधिकरण (jodhpur development authority) रोड विस्तार का प्रस्ताव कोर्ट और यूनिवर्सिटी को देगा। जलापूर्ति लाइनों और बिजली के पोल शिफ्टिंग का खर्च भी जेडीए ही उठाएगा।
इसी तरह निर्माणाधीन रिंग रोड को लेकर सेना ने दो स्थानों पर आपत्ति की थी। इनमें बनाड़ में एक स्थान पर सेना की आपत्ति को देखते हुए हाईवे ऑथोरिटी ने अपने प्रस्तावित सडक़ विस्तार में बदलाव करने का निर्णय कर लिया है, लेकिन नागतालाब स्थित संस्थापन के 900 मीटर तक निर्माण निषिद्ध क्षेत्र की अधिसूचना आड़े आ रही है।
कोर्ट में असिस्टेंट सोलिसिटर जनरल संजीत पुरोहित ने बताया कि बोर्ड ऑफ ऑफिसर्स ने पिछले साल ही हाईवे ऑथोरिटी के प्रस्ताव को नामजंूर करते हुए सूचित कर दिया था, लेकिन ऑथोरिटी ने उच्च स्तर पर अनुमति प्राप्त करने का कोई प्रयास नहीं किया।
उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर अनुमति प्रदान करने का अधिकार नहीं है। मामले की अगली सुनवाई 19 अगस्त को होगी।

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