भोजन सामग्री, जल आदि पर डाब (दूर्वा ) रखनी चाहिए। ग्रहण सूतक के कारण मंगलवार को मंदिरों में संध्या आरती व शाम को देव दर्शन नहीं हो सकेंगे। मंदिरो के पट बन्द रहेंगे। पं. ओमदत्त शंकर ने बताया कि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में होने यह ग्रहण धनु व मकर राशी में होने से दोनों राशियों पर कष्ट रहेगा। बृहंद संहिता के अनुसार इससे देश में भूकंप और बाढ़ से विनाश का खतरा भी है।
इन देशों में भी दिखेगा ग्रहण
भारत के अलावा यह ग्रहण यूरोप, दक्षिण अमरीका, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैण्ड, मलेशिया, चीन, जापान, ताइवान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान में भी दिखाई देगा। ग्रहण काल में गुरु मंत्र जाप, तप तथा सफेद वस्तु रूई, चावल, कपूर, घी व चांदी दान- पुण्य करने से ग्रहण के शुभ फ ल की प्राप्ति होती है। ग्रहण का पुण्यकाल 17 जुलाई को सूर्योदय के बाद रहेगा।