scriptनल से जल पहुंचाने में प्रदेश के आठ जिले फिसड्डी | Eight districts of the state are laggy in providing water from tap | Patrika News
जोधपुर

नल से जल पहुंचाने में प्रदेश के आठ जिले फिसड्डी

-आठ जिलों में 10 प्रतिशत से भी कम लक्ष्य हासिल
– राज्य सरकार के पास 22,494 करोड़ रुपए का कोष
 

जोधपुरJul 14, 2021 / 09:10 pm

Avinash Kewaliya

जोधपुर. देश में एक लाख से ज्यादा गांवों तक नल से जल पहुंचाने का दावा किया गया है, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह भी है कि प्रदेश के आठ जिलों में लक्ष्य का 10 प्रतिशत काम भी नहीं हो पाया है, जबकि केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री खुद राजस्थान से ही आते हैं। राज्य के 582 गांवों और 63 पंचायतों में 100 प्रतिशत नल कनेक्शन लग सके हैं।
15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी ग्रामीण घरों में नल से शुद्ध जल पहुंचाने के लिए ‘जल जीवन मिशन’ की घोषणा की थी। तब राजस्थान में 11,74,131 (11.59 प्रतिशत) ग्रामीण घरों में नल से जल आता था। 23 महीनों में जहां देश भर में 4,48,78,920 (23.69 प्रतिशत) ग्रामीण घरों तक शुद्ध जल पहुंचा, वहीं राजस्थान में 8,63,451 (8.52 प्रतिशत) ग्रामीण घर ही इस योजना से जुड़े।
इन जिलों में की स्थिति खराब

जैसलमेर, प्रतापगढ़, भरतपुर, बांसवाड़ा, धौलपुर, दौसा, बारां और बाड़मेर में तो 10 प्रतिशत के लक्ष्य को भी हासिल नहीं किया जा सका है। जैसलमेर जिले के 1,04,124 ग्रामीण घरों में से सिर्फ 3862 के पास नल कनेक्शन हैं, यानी 96.29 प्रतिशत परिवार बिना पानी कनेक्शन जीवन यापन कर रहे हैं। जल जीवन मिशन लागू होने के बाद से सिर्फ 1420 घरों में नए कनेक्शन दिए गए हैं।
जोधपुर के सिर्फ तीन गांवों में अच्छा काम
जोधपुर की तीन ग्राम पंचायत खाराबेरा पुरोहितन, सालावास और रायसर में ही 100 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन हुए हैं। राजस्थान में जल जीवन मिशन को लागू करने की धीमी गति पर केंद्रीय मंत्री शेखावत ने गहरी चिंता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हाल में विस्तृत पत्र भेजा था। जिसमें उन्होंने फिर आग्रह किया था कि राज्य में पेयजल आपूर्ति को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए।
राज्य को ऐसे हुआ बजट आवंटन

– 2019-20 में राज्य को 1,301.71 करोड़ का केंद्रीय अनुदान जारी किया गया था वर्ष के अंत में इसमें से भी 995.07 करोड़ रुपए खर्च नहीं हो पाए।
– वर्ष 2020-21 में 2,522.03 करोड़ रुपए का केंद्रीय अनुदान आवंटित किया गया था, जिसमें से राजस्थान सरकार ने केवल 630.51 करोड़ रुपए ही लिए।
– वर्ष 2021-22 के लिए राजस्थान को केंद्रीय अनुदान चार गुना बढ़ाकर 10,181 करोड़ रुपए आवंटित हुआ।

घर पर स्वच्छ पेयजल मिलना क्रांति से कम नहीं
यह आनंद और उत्साह का विषय है कि अब देश के एक लाख से अधिक गांवों के सभी घरों तक नल के माध्यम से स्वच्छ पेयजल पहुंच रहा है। इस तरह भारत को जल समृद्ध राष्ट्र बनाकर प्रत्येक भारतवासी को पानी की चिंता से मुक्त करने की दिशा में एक नया मील का पत्थर स्थापित हुआ है।
– गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय जलशक्ति मंत्री।

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