पहले शहर वृत्त में था, अब ग्रामीण में मंडोर सब डिवीजन का अधिकांश इलाका वर्ष 2014 से पहले शहर डिस्कॉम वृत्त में आता था। लेकिन तत्कालीन एसई ने इस एरिया के नांदड़ कलां, बनाड़, चौखा सहित शहर से सटे इलाकों को मंडोर सब डिवीजन में शामिल करते हुए ग्रामीण वृत्त में डाल दिया। व्यावहारिक तौर पर तो यह इलाका शहरी है, लेकिन कागजों में ग्रामीण एसई के अधीन यह इलाका आता है। इसके चलते यहां एफआरटी की टीम नहीं लगाई गई। एेसे में बारिश के मौसम में बिजली गुल होने पर हालात बिगड़ जाते हैं। रात में बिजली गुल होने पर समय पर कभी भी बिजली चालू नहीं होती। जबकि इस सब डिवीजन में एफआरटी की टीम लगाने के लिए कई बार मांग उठ चुकी है। लूणी विधायक जोगाराम पटेल ने यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन डिस्कॉम ने परवाह नहीं की।
एफआरटी से मिलेगी राहत मंडोर सब डिवीजन का एरिया बहुत बड़ा है। 48 हजार उपभोक्ता हैं। यहां स्टाफ कम है, शहरी क्षेत्र भी लगता है। एफआरटी के लिए उच्चाधिकारियों से मांग की गई है। यह सुविधा मिल जाए तो राहत मिलेगी।
– अमिताभ देवड़ा, एईएन, मंडोर सब डिवीजन